भव्य शोभायात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत, यात्रा में हजारों मातृशक्तियां हुई शामिल

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परमात्मा के चरणों में ही सुख की होती है प्राप्ति :साध्वी श्री कृष्णानंद

इंदौर। तीन इमली बस स्टैंड के पीछे स्थित मैदान पर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत भव्य शोभायात्रा के साथ हुई। इसमें 2 हजार से ज्यादा मातृशक्ति शामिल हुई। जय श्रीराम के जयकारों से पूरा यात्रा मार्ग गुंजायमान हुआ। आस्था का महासंगम जहां से भी गुजरा हर कोई इसमें रम गया।
आयोजन प्रमुख विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के पहले कलश यात्रा की शुरुआत वेद मंत्रों के बीच पूजन-अर्चन के साथ पालदा नाका स्थित हनुमान मंदिर से हुई। यात्रा में मातृशक्ति भजनों पर नाचते-गाते चल रही थी। मुख्य यजमान आकाश सोनम विजयवर्गीय भागवत पुराण लेकर आगे-आगे चल रहे थे। ढोल-तासे, बैण्ड-बाजे, शंखनाद व जय घोष करते युवाओं का दल देखते ही बन रहा था। यात्रा का जगह-जगह विभिन्न मंचों से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर स्वागत किया गया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने यात्रा के साथ-साथ सुचारू रूप से ट्रैफिक व्यवस्था भी संभाल रखी थी। यात्रा हनुमान मंदिर से शुरू होकर मेन रोड से होते हुए विभिन्न मार्गों से सीधे कथा स्थल तीन इमली बस स्टैंड के पीछे स्थित मैदान पर पहुंची।


यात्रा में महामंडलेश्वर भास्करानंद महाराज, महामंडलेश्वर दादू महाराज, महामंडलेश्वर रामगोपालदास महाराज सहित अन्य संत शामिल हुए। साध्वी श्री कृष्णानंद के सानिध्य में विधायक आकाश सोनम विजयवर्गीय ने भागवत पुराण को वेद मंत्रों के बीच पूजन अर्चन करके व्यासपीठ पर विराजित किया। व्यासपीठ का पूजन-अर्चन महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास महाराज ने किया। यात्रा में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। कथा में पहले दिन श्री कृष्णानंद ने कहा कि जो मनुष्य जीवन में भक्ति का मार्ग पकड़ लेता है, उसके सारे कार्य हो जाते है। व्यक्ति साधन से नहीं साधना से बड़ा होता है। महान व्यक्ति वही है, जिसके मन में सुंदर विचार हो। हमेशा दूसरे व्यक्ति की मदद जरूर करना चाहिए। साधु-संतों की कृपा जिनके ऊपर हो जाती है, वे तर जाते हैं। जीवन में आत्म कल्याण और उत्थान जरूरी है। परमात्मा के चरणों में ही सुख की प्राप्ति होती है। दुखी तो सब होते हैं, मगर जो परमात्मा का स्मरण करता रहता है उसे सुख जरूर मिलता है। जीवन में श्रद्धा-विश्वास जरूर रखें बिना श्रद्धा-विश्वास के बिना भक्ति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा भागवत कल्पवृक्ष है, इस कल्पवृक्ष के नीचे जो बैठ जाता है, उस व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। जीवन में परमात्मा को पाकर ही आनंद मिलता है। संसार में अध्यात्मिक विकास बहुत आवश्यक है। हमेशा बड़ा संकल्प लेकर ही कार्य करना चाहिए, जिनका संकल्प बड़ा होता है उसे उतनी बड़ी सफलता मिलती है। जिनके जीवन में भगवत कृपा है, उनका जीवन सफल है। कथा से मनुष्य का कल्याण अवश्य होता है।
कथा सुनने भक्तों का सैलाब उमड़ा। पूरे आयोजन में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। विधायक श्री विजवर्गीय ने बताया कि कथा 12 मई तक प्रतिदिन दोपहर 3:30 से शाम 7 बजे तक होगी। कथा में गर्मी से बचाव के लिए बड़े कूलर के साथ ठंडा पेयजल सहित अन्य व्यवस्था की गई है।

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