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मुंबई: मुंबई महानगरपालिका चुनाव (Mumbai Municipal Corporation Election) जीतने को लेकर कांग्रेस (Congress) ने भी तैयारी शुरु कर दी है। पार्टी की आपसी गुटबाजी को रोकने, दलित और अल्पसंख्यक समाज में एक नया संदेश देने के तहत आलाकमान ने नेतृत्व परिवर्तन का मन बना लिया है। सूत्रों की माने तो पूर्व मंत्री और धारावी की विधायक वर्षा गायकवाड (Varsha Gaikwad) को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष (Mumbai Congress President) की जिम्मेदारी दी जा जानी है। बताया गया है कि एक सप्ताह के अंदर उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप (Bhai Jagtap) अपना पद बचाने को लेकर हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रास वोटिंग के बाद से ही मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप को हटा कर किसी दलित नेता को यह जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा शुरु हुई थी, लेकिन राज्य में नई सरकार के गठन होने, फिर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुरु होने और अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव आदि को देखते हुए मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बदलने के फैसले को टाल दिया गया था।
कुछ कांग्रेसियों ने दिल्ली में भी शिकायत थी
पिछले माह मुंबई कांग्रेस की तरफ से अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों की सूची दिल्ली भेजी गयी थी। इस सूची के बाद कांग्रेस में नाराजगी एक बार सामने आयी। आरोप है कि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने जनाधार वाले नेताओं की बजाय अपने निजी सचिव अतुल बर्वे और करीबियों को एआईसीसी का सदस्य बना दिया। इसके खिलाफ कुछ कांग्रेसियों ने दिल्ली में भी शिकायत थी।
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विधान परिषद के चुनाव में क्रास वोटिंग हुई
पिछले वर्ष विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने चंद्रकांत हंडोरे और भाई जगताप को उम्मीदवार बनाया था। सदन में विधायकों की संख्या को देखते हुए पहले पसंद का वोट चंद्रकांत हंडोरे को देने का निर्देश दिया गया था, जबकि भाई जगताप को बाहर से वोटों का जुगाड़ करने के लिए कहा गया था, लेकिन विधान परिषद के चुनाव में क्रास वोटिंग हुई। जिसकी वजह से हंडोरे और जगताप दोनों 46 वोट का कोटा पूरा नहीं कर पाए थे। दूसरे क्रम के वोटों की गिनती में हंडोरे नहीं, बल्कि भाई जगताप को निर्वाचित घोषित किया गया था। तभी से भाई जगताप के खिलाफ कांग्रेस में लाबिंग शुरु है।
गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं वर्षा गायकवाड़
पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़ गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के समय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने जब अचानक इस्तीफा देकर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था, उस समय वर्षा गायकवाड़ को राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा शुरु हुई थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भी वर्षा गायकवाड़ को स्क्रीनिंग कमिटी का सदस्य बनाया गया था।
संगठन का काम करने का अनुभव
वर्षा गायकवाड़ को मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। वर्षा गायकवाड़ के पिता एकनाथ गायकवाड़ राज्य में मंत्री, सांसद और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। वर्षा को अपने पिता के साथ संगठन का काम करने का अनुभव है। जिसको देखते हुए पार्टी आलाकमान ने वर्षा गायकवाड़ को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने का मन बनाया हैं। जिसका फायदा महानगरपालिका चुनाव में हो सकता हैं।
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