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नागपुर. क्राइम ब्रांच की एनडीपीएस सेल ने 2 मार्च की रात वर्धा रोड पर 1.90 किलो ग्राम ड्रग्स के साथ 2 आरोपियों को पकड़ा था. लंबे समय बाद पुलिस को मामले की जड़ तक पहुंचने में सफलता मिली है. सीपी अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया कि मुंबई से ड्रग्स की तस्करी करने वाले तो पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुके थे लेकिन अब जांच दस्ते ने ड्रग्स रैकेट के सरगना को यूपी से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़ा गया आरोपी गोथान, जौनपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी संदीप इंद्रजीत तिवारी (43) बताया गया.
जांच में पता चला कि वह खुद ही ड्रग्स तैयार करता है. शनिवार को पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया. अदालत ने उसे 17 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं. इस मामले में अब तक पकड़े जा चुके आरोपियों की संख्या 7 हो गई है. इसके पहले पुलिस ने शांतिनगर निवासी कुणाल गोविंद गभणे (18), गौरव संजय कालेश्वरराव (22), भवानीनगर निवासी नंदकिशोर देवीदास कुंभलकर (37), अक्षय गजानन येवले (29), पंकज श्यामराव चरडे (30) और कोलीवाड़ा, मुंबई निवासी अकरम चुन्नू खड्डे (32) को गिरफ्त में लिया था. सभी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं. रविवार को उन्हें भी न्यायालय में पेश कर पुलिस हिरासत ली जाएगी.
पुलिस दस्ते को करनी पड़ी मशक्कत
सीपी ने बताया कि 4 आरोपियों को तो पुलिस ने नागपुर में ही गिरफ्तार कर लिया था लेकिन पंकज चरडे और उसका पार्टनर अकरम मुंबई से भाग निकले थे. लगातार दोनों का पीछा किया जा रहा था. 3 दिन पहले पुलिस को पक्की जानकारी मिली कि पंकज और अकरम गर्लफ्रेंड के साथ होली मनाने के लिए गोवा गए हैं. तुरंत एक दस्ता विमान से गोवा रवाना हुआ और उन्हें पकड़कर नागपुर लाया गया. तब पंकज ने संदीप से माल खरीदने की जानकारी दी. संदीप मूलत: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का रहने वाला है. घनी आबादी वाले पाली गांव में उसका मकान है. जैसे ही पुलिस दस्ते ने उसे घर पर दबोचा स्थानीय नागरिक जमा हो गए. काली कमाई से संदीप समाजसेवा भी करता है. ऐसे में उसे वहां से निकाल लाना मुश्किल हो गया था. तुरंत आला अधिकारियों ने जौनपुर के एसपी और अन्य अधिकारियों से संपर्क कर सुरक्षा बल मंगवाया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस दस्ता उसे लेकर नागपुर रवाना हुआ.
पहले भी पकड़ा गया था 1,000 करोड़ का ड्रग्स
संदीप और उसकी गैंग को मुंबई एंटी नार्कोटिक्स सेल ने दिसंबर 2018 में पकड़ा था. उस समय उसके पास 100 किलो फेंटानिल नामक ड्रग्स मिला था जिसकी बाजार में कीमत 1,000 करोड़ रुपये थी. लगभग ढाई वर्ष तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर रिहा हुआ. संदीप कैमेस्ट्री में ग्रैजुएट है. कुछ वर्ष वह फार्मा इंडस्ट्री में भी काम कर चुका है. अब तक हुई जांच में पता चला है कि अलग-अलग पदार्थ का उपयोग करके खुद ही सिंथेटिक ड्रग्स तैयार करता है. यही कारण था कि वह मुंबई के ड्रग्स बाजार से पौने दाम में माल बेच देता था. मात्रा ज्यादा होने पर ही वह माल बेचता था. पंकज और अकरम खुद उससे माल लेने के लिए वाराणसी गए थे. सड़क मार्ग से वापस मुंबई लौटे. इसके बाद पंकज अपनी कार से ड्रग्स लेकर नागपुर के लिए रवाना हुआ. पुलगांव में उसने कुणाल और गौरव को माल सौंपा था. सभी आरोपियों का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड है. पंकज के खिलाफ हत्या सहित 14 मामले दर्ज हैं. अक्षय के खिलाफ भी हत्या सहित 13 मामले दर्ज हैं. कुणाल भी हत्या का आरोपी है. संदीप के खिलाफ मुंबई में ड्रग्स तस्करी सहित 4 मामले दर्ज हैं.
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