कांटाफोड़ (सोहन राठौर)। समीपस्थ ग्राम चुंगलवाड़ा, खेड़ापति हनुमान मंदिर के निकट में संगीतमय परचरी पुराण का आयोजन 15 से 19 दिसंबर तक रखा गया है। कथा का वाचन निमाड़ की सुविख्यात प्रवक्ता नर्मदा तट मंडलेश्वर से पधारी दीदी चेतना भारती द्वारा किया जा रहा है।
रविवार को शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा का बस स्टैंड पर सरपंच प्रतिनिधि सचिन जायसवाल द्वारा स्वागत किया गया। दीदी ने कथा के प्रथम दिवस में कहा, कि संत सिंगाजी महाराज एक छोटे से गांव खजुरी में साधारण गवली माता-पिता के घर में गोपालन करने वाले परिवार में अवतार लेकर आते है। सिंगाजी महाराज सभी साधारणजनों को शिक्षा देते हैं, कि हर कोई भगवत प्राप्ति का अधिकारी है। मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य ही आनंद स्वरूप परमात्मा को प्राप्त कर लेना है। जैसे नमक के बिना भोजन पदार्थ अनेक व्यंजन नीरस होते हैं, वैसे ही भक्ति के बिना मनुष्य जीवन नीरस होता है।
संत सिंगाजी महाराज ही निमाड़ खंड के प्राण हैं। सिंगाजी महाराज ने ही निमाड़ की माटी को गौरांवित किया है। इस निमाड़ की माटी में गुरु महाराज के चरणों की रज पश्चिम से पूर्व निमाड़ तक आई है और संपूर्ण क्षेत्र की वायु में सिंगाजी महाराज की श्वास समाई हुई है।
मृदुल निमाड़ी भाषा में संत सिंगाजी महाराज की दिव्य रचनाएं हर ग्राम में गाई जा रही है। वेदों और वेदांत का गुढ़ ज्ञान सिंगाजी महाराज ने सरल-सहज अपनी निमाड़ी भाषा में जन-जन तक पहुंचाया है। निमाड़वासी धन्यभागी है जो उन्हें ऐसे परमपुरुष का अनुग्रह, उनकी अकारण करुणा, प्रेम वात्सल्य और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।
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