देवास। श्री दत्त पादुका मंदिर श्री क्षेत्र बांगर में श्री दत्त जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
प्रातः 4:30 बजे कांकड़ आरती के बाद गुरुचरित्र का पाठ हुआ।
नियमित पूजा तथा आरती और भक्तों के दर्शन करने का क्रम प्रारंभ हुआ। दिन में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम हुए। शाम 5:40 पर भगवान श्री दत्तात्रेय जन्म हुआ।जन्म के बाद पालना गीत एवं पालन आरती हुई। दत्त जन्म के दिन का विशेष प्रसाद सूंठवड़ा का वितरण किया गया। संध्या 6:20 पर धूप आरती एवं 7 बजे महाआरती हुई जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए।
मंदिर के व्यवस्थापक और पुजारी दत्तप्रसाद कुलकर्णी ने बताया कि भगवान दत्त जन्मोत्सव के अवसर पर सप्ताहभर विभिन्न आयोजन हुए। आज जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर परिसर की आकर्षक विद्युत सज्जा व सजावट की गई, जिसमें विभिन्न प्रकार के पांच क्विंटल फूलों के साथ अन्य तरह से मंदिर परिसर को सजाया गया। इसमें भगवान दत्तात्रेय की बनाई गई रंगोली भी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। दिनभर दर्शन का सिलसिला चलता रहा जिसमें हजारों लोगों ने दर्शन का लाभ लिया और जन्मोत्सव में सम्मिलित हुए। भंडारा भी अपने मूल स्वरूप में इस बार 22 दिसंबर रविवार को मंदिर परिसर में किया जाएगा।
मंदिर के वर्तमान पीठाधीश्वर अवधूत स्वामी ने कहा कि 10 जुलाई 1975 पादुका स्थापना से ही यह मंदिर का स्थान लोगों के आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है। मध्यप्रदेश ही नहीं अपितु बाहर से वर्षभर लोगों का आना-जाना बना रहता है। श्रद्धालुओं के अनुसार श्री दत्त पादुका मंदिर से भक्तों की उनकी कही अनुसार मनोकामना पूरी होती है। इसके कई उदाहरण देखने को मिले हैं। पांच गुरुवार लगातार मंदिर में आने से अनेक कष्टों का निवारण और आध्यात्मिक शांति का अनुभव भक्तों को निश्चित प्राप्त होता है। यह एक जागृत भक्ति का स्थान है, जो की शक्ति (देवास) और वैराग्य (उज्जैन) के बीच में स्थित भक्ति पीठ बांगर ग्राम क्षेत्र है।
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