हाटपीपल्या (नरेंद्र जाट)। समीपस्थ गांव धुराड़ाकला के श्री राम मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक पूजा शर्मा पुंजापुरा ने कहा कि कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है, वरना वह इस संसार में आकर मोहमाया के चक्कर में पड़ जाता है, इसीलिए मनुष्य को समय निकालकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए।
बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा के लिए प्रेरित करें। वास्तव में भगवान की कथा के दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होते। भागवत साक्षात श्रीहरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्यों का फल प्राप्त हो जाता है। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान, वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। कथा के दौरान शिव विवाह का प्रसंग सुनाया। व्यासपीठ की पूजा अर्चना ग्राम के सरपंच गजराजसिंह पटेल ने सह पत्नी की।
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