बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। भाईदूज पर्व भारतीय सनातन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन बहन अपने भाई को अपने घर पर बुलाकर तिलक लगाकर उसकी तमाम बलाएं लेकर उसे सुरक्षित बनाती हैं। यह परंपरा वर्षों से जारी है। इसके पीछे कारण यह है कि रक्षाबंधन संक्रांत एवं अन्य पर्व पर बहन-बेटी अपने पीहर जाती है और भाई तथा माता-पिता, बहनों से मुलाकात करती है।
भाई-दूज ऐसा पर्व है जिसमें पीहर से भाई को बहन अपने घर बुलाती है इस बहाने भाई अपने बहन के वास्तविक हालचाल से अवगत हो जाते हैं। बेहरी में 3 वर्ष के अनमित ने अपनी बहन एंजल से आशीर्वाद लिया तो वही 85 वर्ष के घीसालाल दांगी ने बहन नंदाबाई दांगी के तिलक लगवाया। भाई-बहन यह पर्व मनाते नजर आए। बहनों ने अपने भाइयों के मस्तक पर तिलक लगाया और आरती उतार कर उनके सुरक्षित और स्वस्थ रहने की मंगल कामना की। भाइयों ने अपनी बहनों को उपहार स्वरूप कुछ वस्तुएं प्रदान की और घर पर बनी दीपावली की मिठाई भी भेंट की। बहनों ने अपने पीहर के लिए ससुराल में बनी मिठाई देकर परंपरा का निर्वहन किया।
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