क्षेत्र में कई स्थानों पर आध्यात्मिक शिविर, समस्या व बीमारी से बचने के लिए पहुंचते हैं लोग
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। इसे श्रद्धा कहे या अंधविश्वास लेकिन सत्य यही है, कि लोग नवरात्रि पर्व में होने वाली देवी-देवताओं की बैठक में मिली बाण भभूति पर विश्वास कर रहे हैं। यहां तमाम शारीरिक कष्टों का उपचार प्रसाद स्वरूप मिली बाण भभूति से होता है। इन दिनों क्षेत्र में कई स्थानों पर शाम होते ही बैठक का दौर शुरू हो जाता है और किसी डॉक्टर के क्लीनिक से ज्यादा यहां लोगों की भीड़ लग जाती है।
गांव में कई स्थानों पर इस प्रकार की बैठक नवरात्रि में की जा रही है। जो लोग इनके यहां अपनी समस्या का निदान करवाने के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें यह विश्वास है कि कोई अदृश्य शक्ति, देवी-देवता उनके शारीरिक कष्टों का निवारण कर देंगे। विश्वास करने वाले लोग अपनी बीमारी से लेकर अन्य समस्या देवी-देवताओं के सजे इन दरबारों में लेकर पहुंच रहे हैं।
क्षेत्र के रामपुरा, धावड़िया, बेहरी, गुवाडी गुराडिया बमोरी आदि स्थानों पर लंबे समय से विश्वास, आस्था के चलते इस प्रकार की बैठक रखी जा रही है। श्रद्धालुओं के अनुसार नवरात्रि पर्व में माता की सवारी संबंधित महिला-पुरुष को आती है और वह दुख का निवारण करती हैं। वही चिकित्सा विज्ञान इस प्रकार की शक्तियों से इंकार करते हुए ऐसे लोगों को मानसिक इलाज की सलाह देता है।
विश्वास से ही ठीक होेने में मिलती है मदद-
गांव के वरिष्ठ बद्रीलाल पाटीदार, कुंवर पाटीदार गंगाराम पडियार, रामप्रसाद दांगी बताते हैं कि यह हम भी जानते हैं कि बीमारी होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ना कि बैठक करने वालों के पास, लेकिन जो लोग वहां जाते हैं, उनका विश्वास ही उन्हें ठीक करने में मदद करता है।
गांव के मूलचंद पाटीदार ने बताया कि ये आध्यात्मिक चिकित्सक की भूमिका निभा रहे हैं। अगर आपके पास आत्मविश्वास है तो आप सफल हो जाते हैं। गांव के जो लोग इनके पास जाते हैं तो उन्हें यह भरोसा होता है कि समस्या दूर हो जाएगी। यही भरोसा उन्हें स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। उनके लिए यह बाण भभूति ही दवाई बन जाती है। इस प्रकार के स्थान को एक प्रकार से आध्यात्मिक शिविर कह सकते हैं।
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