– नौ दिवसीय सामूहिक गायत्री साधना अनुष्ठान की पूर्णाहुति
देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर पर शारदीय नवरात्रि महापर्व के शुभ अवसर पर सामूहिक गायत्री महामंत्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान का क्रम अनवरत रुप से चलाया गया। इसमें गायत्री साधकों ने बड़ी संख्या में प्रातः 3.30 बजे ब्रह्ममूर्त में सामूहिक गायत्री महामंत्र का जाप प्राणिमात्र के कल्याण के लिए किया। इसकी पूर्णाहुति महानवमी पर हुई।
गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि प्रातः 9 बजे श्रीवेदमाता गायत्री, पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, वंदनीया माता भगवतीदेवी शर्मा एवं देवोआव्हन व पूजन के साथ पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत हुई। साथ ही विभिन्न संस्कार निःशुल्क संपन्न हुए।
भारतीय संस्कृति का ज्ञान आवश्यक-
आयोजन में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला संयोजक देवीशंकर तिवारी ने अपील की कि अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा स्कूल, कालेजों में आयोजित होने वाली भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में अधिक से अधिक बच्चों को शामिल करें। भारतीय संस्कृति के ज्ञान से ही हम हमारी संस्कृति को बचा पाएंगे। इस वर्ष यह परीक्षा 9 नवंबर को दोपहर 12 से 1 बजे के बीच संपन्न होगी, जिसमें जिले के हर कार्यकर्ता का सहयोग अपेक्षित होगा।
शांतिकुंज से ज्योति कलश यात्रा प्रारंभ होगी-
युवा प्रकोष्ठ के जिला समन्वयक प्रमोद निहाले ने कहा, कि शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा निर्देशित आगामी मातृ जन्म शताब्दी ज्योति कलश यात्रा हेतु एक परिजन दो पंचायतों में मिशन की विचारधारा को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए हर कार्यकर्ता को मानसिक रूप से तैयार होना है, क्योंकि बहुत जल्दी ही शांतिकुंज से ज्योति कलश यात्राओं का दौर आरंभ होने वाला है। इस हेतु अभी से मानसिक स्थिति मजबूत बना लें। जन्म शतब्दी ज्योति कलश यात्रा के द्वारा जिले की हर पंचायत के ग्रामों तक हमें पहुंचना है और युग ऋषि के संकल्प को पूरा करना है। ज्योति कलश यात्रा जिले से होकर प्रत्येक तहसील, गांव, नगर व घर-घर पहुंचेगी और जन मानस में श्रद्धा संवर्धन करेंगी।
आयोजन में कन्हैयालाल मोहरी, दिलीपसिंह सोलंकी, भारतसिंह बनाफर, गणेशचंद्र व्यास, विक्रमसिंह राजपूत, चारूप्रभा बाबर, रमेश नागर, गीता जोशी, गजपालसिंह सोलंकी, कैलाशसिंह ठाकुर, शिवनारायण सोलंकी, चंद्रिका शर्मा, भंवरसिंह सोलंकी, दिलीप सोलंकी, मंजू पटेल, श्रद्धा निहाले, सुरेंद्र दुबे, कैलाश मेहता सहित सैकड़ों गायत्री साधकों ने आहुतियां प्रदान कीं।
कार्यक्रम के अंत में कन्याभोज के साथ सभी उपस्थित परिजनों ने भोजन प्रसाद ग्रहण की। कर्मकांड का संगीतमय संचालन परिव्राजक रामनिवास कुशवाह के मार्गदर्शन में शक्तिपीठ की संगीत टोली ने किया एवं आभार मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंडया ने माना।
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