सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों की आत्म शांति व सद्गति के निमित्त तर्पण, पिंडदान व पितृ यज्ञ किया

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– पितृ यज्ञ में श्रद्धालुओं ने दक्षिणा के रूप में व्यसन छोड़ने का लिया संकल्प

देवास। सर्वपितृ अमावस्या पर गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर में तर्पण, पिंडदान एवं पितृ यज्ञ किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों ने भाग लिया। पितृ यज्ञ में श्रद्धालुओं ने दक्षिणा के रूप में व्यसन छोड़ने का संकल्प लिया।

गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि अनन्त जीवन श्रृंखला की एक कड़ी मृत्यु भी है इसलिए संस्कारों के क्रम में जीव की उस स्थिति को भी बांधा गया है। जीवात्मा का अगला जीवन पिछले की अपेक्षा अधिक सुसंस्कार बने, इस निमित्त जो कर्मकांड किए जाते हैं, उसका लाभ जीवात्मा को क्रिया-कर्म करने वालों की श्रद्धा के माध्यम से ही मिलता है इसीलिए मरणोत्तर संस्कार को श्राद्धकर्म भी कहा जाता है। इसी के निमित्त गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर में पूज्य गुरु सत्ता की सूक्ष्म उपस्थिति एवं संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में तर्पण, पिंडदान एवं पितृ यज्ञ किया गया। इसमें 104 भाइयों एवं 12 बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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पितृ यज्ञ की पूर्णाहूति में श्रद्धालुओं ने दक्षिणा के रूप में व्यसन छोड़ने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ द्वारा सम्पूर्ण व्यवस्था नि:शुल्क की गई। उपस्थित सभी परिजनों ने गायत्री शक्तिपीठ देवास के वरिष्ठ परिजन संतोष शर्मा, गायत्री परिवार इंदौर के वरिष्ठ परिजन महेंद्र मोहन भट्ट एवं शांतिकुंज हरिद्वार के परिजन भरतलाल का निधन होने पर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूज्य गुरुदेव से उनकी आत्मा की शांति एवं सद्गति की प्रार्थना की गई।

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कार्यक्रम में शेषनारायण परमार, प्रदीप दुबे, सोनू यादव, अरुणेंद्र सोनी, प्रखर दुबे, सुभाष धोते, सीमा चौधरी, वंदना पाटीदार मंजुला सोनी, उमा यादव, शिवानी यादव आदि का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर ओपी श्रीवास्तव, विजेंद्रसिंह बैस, बीएम विजयवर्गीय, ज्ञानदेव बोड़खे, मांगीलाल परमार, कैलाशसिंह ठाकुर, दीपक इंदानिया, राकेश खींची, पंकज अवस्थी, मोहन परिहार, अखिलेश सेंगर, रमाशंकर तिवारी, नीति श्रीवास्तव, मनोज कुमार, प्रीति ओझा आदि उपस्थित थे।

कर्मकांड का संचालन गायत्री शक्तिपीठ पर रामनिवास कुशवाह एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर महेश आचार्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शामिल सभी श्रद्धालुओं का आभार गायत्री शक्तिपीठ पर शक्तिपीठ के मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी महेश पण्ड्या एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी राजेंद्र पोरवाल ने माना।

गायत्री महामंत्र जप का सामूहिक अनुष्ठान 3 अक्टूबर से-

गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर 3 अक्टूबर को प्रातः 4 बजे से घट स्थापना के साथ नौ दिवसीय सामूहिक गायत्री महामंत्र जप अनुष्ठान की शुरुआत होगी।

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