(विजेंद्रसिंह ठाकुर की रिपोर्ट 9926087125)
सीहोर। मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला बिलपान में अश्वनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह भगत व विजेन्द्रसिंह भाटी ने बताया यूं तो हमेशा ही भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन इस बार अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नेवज के पवित्र जान से स्नान कर बाबा विल्वेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर क्षेत्र की सुख-शांति के लिए मंगलकामनाएं की। पुरातत्व विभाग द्वारा निर्मित किए गए दो मंदिरों को निहारते हुए अपने आप को भाग्यशाली महसूस किया। भक्तों ने मोबाइल से सेल्फी भी ली।
उन्होंने बताया कि आश्विन माह की अमावस्या को ही सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। सर्वपितृ अमावस्या के दिन तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि करना चाहिए। दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह अनुष्ठान किया जाता है।
हर साल श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण किया जाता है। इस अमावस्या को पितृमोक्ष अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या, अश्विनी अमावस्या, भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है।
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