पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में इंदौर देश में दूसरे स्थान पर

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इंदौर। इंदौर में पीएम स्वनिधि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन में इंदौर पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। इस योजना के अन्तर्गत अभी तक एक लाख 43 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को इंदौर नगर निगम द्वारा लाभान्वित किया गया है।

यह जानकारी आज यहां सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैंकर्स और शासकीय विभागों के अधिकारियों की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सुनील ढाका, रिजर्व बैंक की प्रबंधक रोशनी हजेला सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में इंदौर जिले में क्रियान्वित विभिन्न हितग्राही और स्वरोजगारमूलक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान सांसद श्री लालवानी ने कहा कि स्वरोजगारमूलक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। इन योजनाओं के तहत प्राप्त लक्ष्यों को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाये। योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए अधिक से अधिक युवाओं विशेषकर महिलाओं को रोजगारमूलक गतिविधियों से जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि महिलाओं को रोजगारमूलक प्रशिक्षण भी दिया जाये।

श्री लालवानी ने कहा कि सूक्ष्म उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को प्राथमिकता से लोन उपलब्ध कराया जाये। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये जिससे कि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। बैठक में बताया गया कि इंदौर शहर में पीएम स्वनिधि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इंदौर में योजना लागू होने से अब तक एक लाख 43 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गई है। श्री लालवानी ने निर्देश दिए कि योजना के तहत लाभान्वित सभी स्ट्रीट वेंडरों का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत बीमा करवाया जाये। कोई भी पात्र व्यक्ति इस बीमा योजना से वंचित नहीं रहे।

उन्होंने बैंकर्स को निर्देशित किया कि वे लोन के लिये आने वाले युवाओं और अन्य नागारिकों का पूरा सहयोग करें। उन्हें योजनाओं की जानकारी भी दें और आवेदन लेकर तुरंत स्वीकृत करें। उन्होंने अन्य विभागों द्वारा क्रियान्वित हितग्राही और स्वरोजगारमूलक योजनाओं में भी अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। बैठक में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना, संत रविदास स्वरोजगार योजना, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन आदि की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

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