नेमावर में सर्वपितृ अमावस्या की तैयारी में जुटा स्थानीय प्रशासन

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  • मंगलवार से लगेगा दो दिवसीय अमावस्या पर्व का मेला
  • देश के कई प्रदेशों से 3 से 4 लाख श्रद्धालुओं के स्नान व तर्पण के लिए आने की संभावना

नेमावर (संतोष शर्मा)। कुंआर माह की अमावस्या सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जानी जाती है। इस अमावस्या पर दूर दराज ग्रामीण अंचल सहित शहरी क्षेत्र के साथ राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य प्रदेशों से नर्मदा के नाभितीर्थ में अपने पितरों का तर्पण करने एवं अपनी कुलदेवी-देवताओं को स्नान कराने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु नेमावर आते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा पूर्ण व्यवस्था की जाती है। सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर्व को लेकर स्थानीय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। श्रद्धालुओं को किसी तरह से परेशानी ना हो इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।

नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल व सीएमओ बलिराम मंडलोई ने बताया, कि आमजन जो नाभि तीर्थ स्थल पर पीढ़ियों से स्नान-पूजन करने आ रहे हैं, उनके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा स्नान वाले घाटों पर प्रकाश व्यवस्था की जा रही है। घाट पर निरंतर साफ-सफाई करवाई जा रही है। श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए टैंकरों की व्यवस्था की गई है। मेला क्षेत्र में भी प्रकाश व्यवस्था करवाई जा रही है। दूर-दराज से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था, मेले में आने वाली दुकानों को व्यवस्थित स्थानों पर व्यवसाय हेतु भूमि उपलब्ध कराई गई है।

सीसीटीवी कैमरे से रहेगी नजर-
अध्यक्ष व सीएमओ ने बताया कि स्नान वाले घाटों पर स्नान के समय घटना-दुर्घटना से बचाव हेतु नावों को तैराक दल के साथ रखा गया है। साथ ही पुलिस बल की तैनाती भी पूरे मेला क्षेत्र में की जा रही है। घाटों पर निरंतर सुरक्षा व्यवस्था की सूचना प्रसारण की व्यवस्था रहेगी। मुख्य भीड़ वाले स्थानों, घाटों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर निगरानी की जाएगी। मुख्य घाटों पर पानी से धुलाई कर घाटों को साफ किया गया है। गहरे पानी में श्रद्धालु ना पहुंचे, इसके लिए पानी के अंदर बेरिकेटिंग कर घाटों को स्नान के लिए सुरक्षित कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि सर्वपितृ अमावस्या पर प्रतिवर्ष 3 से 4 लाख श्रद्धालु स्नान व तर्पण के लिए आते हैं। मुख्य रूप से मालवा अंचल के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती है।

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