– सब्जियों की बेल को भी नुकसान, पीले होकर झड़ रहे हैं पत्ते
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। विगत चार दिनों से क्षेत्र में सक्रिय मानसून के चलते रुक-रुककर तेज बारिश हो रही है। बारिश के चलते अधिकतर खेतों में जल जमाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सोयाबीन soyabean के साथ विशेषकर बेल वाली फसल (Vegetable Farming) जिसमें करेला, गिलकी, लौकी और तुरई फसल को बहुत नुकसान हुआ है। पौधे गलकर पीले पड़ रहे हैं। दूसरी ओर सोयाबीन भी खेतों में पककर तैयार हो गई है। उन्हें भी लगातार बारिश के चलते नुकसान हो रहा है। बीते 8 दिनों से धूप नहीं निकलने के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है।
किसान बाबूलाल अमड़ादिया, प्रहलादगिर गोस्वामी, महेंद्र दांगी, हरीश उपाध्याय, रामचंद्र दांगी, भागीरथ पटेल आदि ने बताया कि अगली वैरायटी की सोयाबीन जो निकली है वह प्रति हेक्टेयर में 7 क्विंटल हुई है, वह भी गीली होने की वजह से खराब होने लगी है और जो खेतों में खड़ी है, उसका उत्पादन नहीं के बराबर होगा। लगभग सभी फसल खराब होने की स्थिति में आ गई है। सोयाबीन फसल को बहुत नुकसान हो रहा है।
कुछ किसानों ने गिरते पानी में सोयाबीन फसल काटकर रखी है, लेकिन लगातार पानी की वजह से निकाल नहीं पा रहे हैं। उनकी कटी हुई फसल भी खेत में अंकुरित होकर सड़ने लगी है।
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