पंडित परिवार द्वारा पितरों के निमित्त श्राद्ध पक्ष में 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत का छठवां दिवस
देवास। वृन्दावन से पधारे कथावाचक पं. कृपासिंधुदास महाराज ने आज कथा में कंस वध एवं भगवान श्रीकृष्ण-रूक्मणी विवाह पर विस्तार से बताया, कि भगवान श्रीकृष्ण के मामा कंस ने उन्हें मारने के लिये कई युक्तियां बनाई मगर भगवान श्रीकृष्ण के बल एवं चतुराई के आगे कंस की सारी कोशिशें नाकाम हुई और अंत में भविष्यवाणी के अनुसार देवकी की आठवीं सन्तान भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध किया एवं मानव समाज में अधर्म को मिटाकर धर्म की रक्षा की एवं कंस के अत्याचारों से जनता को मुक्त किया।
भगवान श्रीकृष्ण का रुक्मणी के साथ विवाह का भी वर्णन किया। उन्होने कहा कि मनुष्य को अन्याय के सामने झुकना नहीं चाहिये बल्कि संघर्ष करना चाहिये।
पूजन कार्य पं. गजेन्द्र शास्त्री एवं पं. योगेश पंडित ने किया। कथा की आरती के मुख्य अतिथि प्रदीप चौधरी, मप्र कांग्रेस के प्रदेश सचिव विश्वजीत चौहान, अभा ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष दिनेश मिश्रा, पार्षद अनुपम टोप्पो, बंटी शर्मा, रीतेश शर्मा, कपिल व्यास थे।
मुख्य यजमान कैलाश पंडित, ओम जोशी, घनश्याम पंडित, राजेन्द्र पंडित, प्रतीक पंडित एवं आशीष जोशी थे। कथा की व्यवस्था विक्रमसिंह चौधरी, जगदीश कानूनगो, यश राठौर, मदनलाल जैन, मोहित पंड्या, देवकरण कारपेन्टर, अशोक चौबे, मधुसूदन यादव, बजरंगलाल मीणा, अशोक चौबे, डीपी शुक्ला, मांगीलाल तिवारी, राधेश्याम तिवारी ने देखी। भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की रस्म देखकर एवं भजनों को सुनकर उपस्थित महिला एवं पुरुष आनंदित होकर झूमने एवं नाचने लगे।
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