देवास। वृन्दावन से पधारे भागवताचार्य पं. कृपासिंधुदास महाराज ने आज भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला माखन चोरी, गोपिकाओं के साथ ठिठोली, श्री गोवर्धन पर्वत की महिमा एवं पूजा का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिये एवं सूर्य भगवान को जल अवश्य चढा़ना चाहिए। इससे शरीर निरोगी, ऊर्जावान रहता है एवं बुद्धि का विकास होता।
तर्पण व पूजन कार्य पं. गजेन्द्र शास्त्री एवं पं. योगेश पंडित ने किया। आरती में मुख्य अतिथि एलएन मारु, जयप्रकाश सोनी, भरत व्यास, अशोक जाट, जयसिंह ठाकुर, रूपराम मिश्रा, विष्णु पटेल, देवीसिंह बैस, विमल शर्मा, महेन्द्र स्थापक थे। मुख्य यजमान कैलाश पंडित, ओम जोशी, राजेन्द्र पंडित, घनश्याम पंडित, प्रतीक पंडित, आशीष जोशी थे।
कथा की व्यवस्था विक्रमसिंह चौधरी, जगदीश कानूनगो, यश राठौर, मदनलाल जैन, दिनेश जोशी, मधुसूदन यादव, देवकरण कारपेन्टर, बजरंग मीणा, अशोक चौबे, प्रहलाद दास भावसार, डीपी शुक्ला, मांगीलाल तिवारी, राधेश्याम तिवारी, देवेन्द्र भावसार आदि ने देखी। श्रीकृष्ण की लीला एवं भजनों ने उपस्थित महिला एवं पुरुष आनंदित होकर नाचने लगे। अंत में सभी ने श्री गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की।
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