निष्कपट भाव से की गई भक्ति में बहुत शक्ति होती है

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Bhagvat katha

– पंडित परिवार द्वारा पितरों के निमित्त श्राद्ध पक्ष में 07 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का चतुर्थ दिवस

देवास। वृन्दावन से पधारे कथावाचक पं. कृपासिंधुदास महाराज ने आज भक्त प्रहलाद, वामन अवतार, भगवान श्रीराम जन्म एवं भगवान श्रीकृष्ण जन्म पर विस्तार से वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि सच्चे और सरल मन से निष्कपट भाव से की गयी भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्त प्रहलाद की सच्ची भक्ति से होलिका की गोद में बैठने के बाद भी होलिका जल गयी थी, परन्तु प्रभु कृपा से उन्हें कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के अनेक रूपों का वर्णन किया। एक रूप में उन्होंने हिरणाकश्यप जैसे राक्षस जिसे अनगिनत वरदान प्राप्त थे उसको चतुराई से मारकर देवताओं की रक्षा की। उन्होंने कहा, कि भगवान के नाम स्मरण से जीवन शक्ति एवं ऊर्जा प्राप्त होती है। भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण की लीला एवं भजनों में उपस्थित महिला एवं पुरुष आनंदित होकर झूमने एवं नाचने लगे।

Bhagvat katha

पूजन पं. गजेन्द्र शास्त्री एवं वादन पं. रामदास गुबरेले द्वारा किया गया। कथा के मुख्य यजमान कैलाश पंडित, ओम जोशी, राजेन्द्र पंडित, घनश्याम पंडित, प्रतीक पंडित, आशीष जोशी हैं। आरती महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, मनोज राजानी, रमेश जोशी, चन्द्रपालसिंह सोलंकी, सन्तोष मोदी, जाकिर उल्ला, राहुल पवार, राजीव खंडेलवाल, अनिल बैस, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष पं दिनेश मिश्रा, ब्रह्मबन्धुत्व बीएनपी के अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव मधुसूदन शर्मा, रूपराम मिश्रा, चन्द्रशेखर दुबे, जगदीश कानूनगो, महेन्द्र शर्मा, अशोक चौबे, महेन्द्र स्थापक, राधेश्याम तिवारी, मांगीलाल तिवारी, डीपी शुक्ला, विष्णु पुराणिक, रघुनंदन शास्त्री, बद्रीलाल तिवारी, औदुम्बर ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष राधेश्याम जोशी, आदिगौड़ ब्राह्मण समाज, सनाड्य ब्राह्मण समाज एवं औदिच्य ब्राह्मण समाज, मानस भवन शिव मंदिर समिति से विक्रमसिंह चौधरी, देवकरण कारपेन्टर, मधुसूदन यादव ने भी भगवान एवं श्रीमदभागवत की आरती उतारी।

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