जिसको परमात्मा की भक्ति का नशा चढ़ गया उसे संसार तुच्छ लगता है- पं. अजय शास्त्री

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pt ajay shastri

देवास। अगर नशा करना ही है तो परमात्मा की भक्ति का करो। जिसे परमात्मा की भक्ति का नशा चढ़ गया, उसे फिर संसार के सब नशे व्यर्थ लगने लगते हैं। परमात्मा की भक्ति का नशा अंत समय तक नहीं उतरता। परमात्मा के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति मोक्ष के द्वार तक ले जाती है।

यह विचार बड़ा बाजार स्थित रामी गुजराती माली समाज के रामकृष्ण मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन व्यासपीठ से पं. अजय शास्त्री सियावाले ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि जो एक बार सच्चे मन से भगवान को पुकार लेता है तो परमात्मा दौड़े चले आते हैं। परमात्मा प्रेम के भूखे हैं। जैसे कोई मां अपने बच्चों की आवाज सुनकर आती है वैसे ही परमात्मा भक्तों की पुकार सुनकर आ जाते हैं।

bhagvat katha

इस दौरान पं. अजय शास्त्री ने भक्ति गीत नजरा लागी रे, आज म्हारा कानड़ा ने कई हुई ग्यो.. जैसे एक से बढ़कर एक भक्ति गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी तो श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूम उठे। कथा आयोजन समिति के सदस्यों ने व्यासपीठ की पूजा अर्चना कर आरती की। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।

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