– निराकरण पर 2.30 करोड़ की छूट दी गई
– मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी के 15 जिलों में की गई थी प्रभावी तैयारी
इंदौर। वर्ष की तीसरी नेशनल लोक अदालत में मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उम्मीद के अनुसार सफलता मिली है। कंपनी के अधीन 5810 प्रकरण निराकृत हुए हैं।
नियमानुसार, पात्रतानुसार 50 हजार तक के 4509 प्रकरणों पर 15 जिले में करीब 2 करोड़ 30 लाख रुपए की छूट उपभोक्ताओं, प्रकरणों के निराकरण पर दी गई है। लोक अदालत के दौरान बिजली कंपनी के 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रकरणों का समाधान हुआ है।
लोक अदालत के लिए कंपनी क्षेत्र के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों के माध्यम से प्रभावी तैयारी की गई थी। मुख्य सतर्कता अधिकारी राकेश आर्य ने बताया कि लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता किया गया।
प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की गई। प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट मिली, जबकि लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत तैयारी की गई थी। हजारों नोटिस तामिल कराए थे।
कंपनी क्षेत्र का सबसे बड़ा प्रकरण पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी के इंदौर रीजन के बड़वाह संभाग के अंतर्गत टावर विजन कंपनी का विद्युत चोरी का प्रकरण वर्ष 2013 में बनाया गया था। इसका 8.39 लाख रुपए का निर्धारण किया गया, उपरोक्त राशि नहीं जमा करने के फलस्वरूप ब्याज भी लाखों रुपए हो गया। न्यायाधीश के निर्देश पर निर्धारण एवं ब्याज कुल राशि 30.22 लाख एवं कंपाउंडिंग राशि 0.85 लाख कुल 31.05 लाख का अंतिम निर्धारण आदेश बनाया गया। टावर कंपनी प्रबंधन को उपरोक्त राशि को लोक अदालत में भुगतान कर प्रकरण समाधान के लिए प्रेरित किया गया। लोक अदालत में 2013 से प्रचलित टावर विजन कंपनी ने पूर्ण राशि जमा की।
Leave a Reply