ईश्वर की भक्ति से मन का मंथन करें, अमृत मिलेगा- स्वामी रामनारायणजी

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Bhagvat katha

मां चामुंडा सेवा समिति ने स्वामी रामनारायणजी का किया स्वागत

देवास। श्रीराम द्वारा में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान मां चामुंडा सेवा समिति के संयोजक समाजसेवी रामेश्वर जलोदिया के मुख्य आतिथ्य में कथा वाचक स्वामी रामनारायणजी का समिति के नरेंद्र मिश्रा, नारायण व्यास, उम्मेद सिंह राठौड़, दिनेश सांवलिया, अभिषेक अवस्थी द्वारा शाल, श्रीफल व पुष्पमाला से स्वागत किया।

महंत स्वामी रामनारायणजी महाराज ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर की भक्ति से मन का मंथन करें। हमेशा अमृत ही मिलेगा। उन्होंने समुद्र मंथन प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं। हमेशा ईश्वर की भक्ति में रहते हुए अपने कर्म का पालन करते रहना चाहिए।

कथा में वामन अवतार का प्रसंग उल्लासपूर्वक मनाया गया। छोटे बालक को वामन भगवान का रूप देकर उनकी पूजा अर्चना की गई। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने कद से नहीं बल्कि अपनी अज्ञानता से छोटा होता है। हमेशा ज्ञान का सम्मान करना चाहिए।

समुद्र मंथन से निकली 14 वस्तुओं का विस्तृत वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में भी इसी प्रकार मंथन होता रहता है। बारी-बारी से हमें सुख-दुख मिलते रहते हैं, लेकिन जो व्यक्ति भागवत कथा को श्रवण कर ईश्वर पर भरोसा और श्रद्धा रखता है, वह कभी निराश नहीं होता।

सोमवार को कृष्ण जन्म उत्सव मनाया जाएगा। कथा का समय दोपहर एक से पांच बजे रखा गया है। धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।

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