आत्मा को परमात्मा से मिलाती है भागवत कथा

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bagvat katha

देवास।  आत्मा को परमात्मा से मिलाती है भागवत कथा। इसके श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।  यह विचार श्रीराम द्वारा में भागवत कथा के अंतर्गत महंत स्वामी रामनारायणजी ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नींद खुलने पर बुरा सपना खत्म हो जाता है, उसी प्रकार ईश्वर की कृपा मिलने पर जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

उन्होंने शुकदेव मुनि और राजा परीक्षित के बीच हुए अनेक संवादों का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सत्ता, धन और ज्ञान का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह परिवर्तनशील है। हमेशा सरल और सादगीभरा जीवन बिताना चाहिए। जीवन में सरल रहना सबसे अच्छा तप है। जो व्यक्ति जीवन के कर्तव्य सरलता से और ईमानदारी से निभाता है, वह कभी भी दुखी नहीं होता। प्रातःकाल व्यासपीठ का पूजन संत रामसुमिरन जी एवं बाल संत पुनीत रामजी ने किया।

शनिवार को डोल ग्यारस के अवसर पर राम द्वारा का डोल नगर भ्रमण करेगा। रामस्नेही सत्संग मंडल ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। कथा का समय दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक रखा गया है। कथा के अंतर्गत वामन जयंती, कृष्ण जन्म, नृसिंह अवतार के आयोजन होंगे। कथा में सैकड़ों श्रद्धालु धर्म लाभ ले रहे हैं।

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