ऋषियों की पूजा कर ज्ञात-अज्ञात पापों के मोचन की कामना की
नेमावर (संतोष शर्मा)। भाद्र पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी कहा जाता है। इस तिथि को सनातनी महिलाएं वर्षभर में ज्ञात-अज्ञात रूप से जाने-अनजाने में हुए पापों के मोचन के लिए सनातनी परंपरा अनुसार पवित्र नदियों में दस विधि स्नान कर पापों का मोचन करती है। रविवार को ऋषि पंचमी पर हजारों महिलाओं ने मां नर्मदा के पवित्र जल में स्नान किया।
इसके तहत अपामार्ग के वृक्ष के तने व पत्तों की 108 संख्या लेकर मोली बनाकर शरीर के विभिन्न अंगों पर रख कर 108 बार जल पात्र से पानी डालकर महिलाओं ने स्नान किया। इसके पश्चात नदी के पवित्र तट पर ब्राह्मणों से ऋषियों का पूजन-अर्चन किया। इसी के तहत रविवार को नर्मदा के सिद्धनाथ घाट एवं नागर घाट पर हजारों महिलाओं ने पवित्र स्नान कर शुद्धि की। स्नान का दौर सुबह से आरंभ होकर देर शाम तक चलता रहा।
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