देवास के 10 युवाओं ने खाना खिलाकर बना दिया रिकॉर्ड

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13 दिनों में 8021 भूखे लोगों तक पहुंचाया खाना, मेहनत की कमाई से किया कमाल

इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड ने जारी किया सर्टिफिकेट, युवाओं के कार्यों को मिली पहचान

देवास। भूखे लोगों को खाना खिलाने में देवास के 10 युवाओं ने सिर्फ 13 दिनों में रिकॉर्ड बना दिया है। इनमें खाना खिलाने का जुनून इस कदर नजर आया कि देवास ही नहीं बल्कि इंदौर और उज्जैन शहर में भी ये खाना खिलाने पहुंच गए। युवाओं को सेवा कार्य करते देख हर कोई अभिभूत नजर आया। खाना खिलाने का रिकॉर्ड बनाया है, देवास यूथ फाउंडेशन ने। युवाओं के इस ग्रुप ने अपनी मेहनत की कमाई से सेवा के इस कार्य में कमाल कर दिखाया है। इन्हें इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से सर्टिफिकेट जारी हुआ है।

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दरअसल, फाउंडेशन के युवाओं ने पिछले दिनों प्रतिदिन 500 लोगों को रोजाना खाना खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस कार्य के लिए उन्हें कोई रिकॉर्ड बनाने की मंशा नहीं थी, बस कोई भी भूखा न सोये इसके लिए इन्होंने खाना खिलाने का कार्य शुरू किया। इस दौरान इस प्रकार के अनूठे कार्यों की जानकारी जुटाने वाली संस्था का फाउंडेशन के सदस्यों से संपर्क हुआ और फिर सिर्फ 13 दिनों में इन युवाओं ने 8021 लोगों को खाना खिलाने का विश्व रिकॉर्ड बना दिया।

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खुद बनाया खाना और फिर किए पैकेट तैयार-

खाना बनाने से लेकर खिलाने तक सारा काम इन युवाओं ने स्वयं किया है। इनके द्वारा तैयार किए गए पैकेट में सब्जी-पूड़ी, दाल-चावल सहित अन्य सामग्री होती थी। शाम को ये खाना बनाते थे और उन्हें पैकेट में रखकर निकल जाते थे अपने नैक मिशन को पूरा करने के लिए। शुरुआत देवास की माता टेकरी से की। देवास के साथ ही इन्होंने इंदौर-उज्जैन में भी भूखे लोगों को खाना खिलाने का पुण्य प्राप्त किया।

नौकरी, बिजनेस, खेती करते हैं युवा-

फाउंडेशन के अभिषेक बगवाना, शुभम सोनी, विनोद परमार, विशाल सिंह सोलंकी, कल्पना परमार, विनीत गुप्ता, आरती परमार, निकिता बगवाना, अर्चना बगवाना, हिमांशु गरोड़ा सदस्य हैं। ये सभी युवा बिजनेस या नौकरी सहित खेती कर सेवा के इस प्रकार कार्य में जुनून से जुटे हैं। इस कार्य में खर्च भी बहुत हुआ, इसके लिए युवाओं ने किसी से चंदा इकट्ठा नहीं किया। सभी 10 सदस्यों ने आपसी सहयोग कर इस कार्य को पूरा किया।

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कोई भूखा ना सोए यही हमारी भावना-

फाउंडेशन के अभिषेक बगवाना एवं विनीत गुप्ता बताते हैं हम खाना खिलाने के काम में किसी रिकॉर्ड के पीछे नहीं भागते। हमारी भावना यही रहती है कि कोई भी भूखा नहीं सोए। हमने अस्पतालों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, फुटपाथ, मंदिरों के समीप हर जगह भूखे लोगों को भोजन के पैकेट दिए। कई लोगों ने हमें दिल से आशीर्वाद दिया, यह हमारे लिए सुकून की बात है। इन्होंने बताया हमने भूखे लोगों को खाना खिलाने का रिकॉर्ड जरूर बनाया है लेकिन हमारा फाउंडेशन यहीं पर नहीं रुकेगा। हमारा सेवा का काम बगैर रुके अनवरत चलता रहेगा।

सराहना हुई-

इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारियों ने फाउंडेशन के कार्यों की बारिकी से निरीक्षण किया। इससे पहले खाना खिलाने संबंधी रिकॉर्ड बने थे, लेकिन सिर्फ 13 दिनों में 8 हजार से अधिक लोगों को खाना खिलाने का रिकॉर्ड नहीं था। संस्था की ओर से सर्टिफिकेट प्राप्त होने पर देवास यूथ फाउंडेशन के युवा उत्साहित हैं और भविष्य में इसी प्रकार कार्यों को करने के लिए संकल्पित है। इनके कार्यों की सर्टिफिकेट देने वाली संस्था ने भी की है।

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