– स्थापना के पश्चात किया रुद्राभिषेक
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। गणेश चतुर्थी पर भोमियाजी मनकामनेश्वर मंदिर में शुभ मुहूर्त में प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की स्थापना की गई। स्थापना के पश्चात शनिवार होने से रुद्राभिषेक किया गया। भगवान का मनमोहक श्रृंगार भी किया गया।
मंदिर परिसर में भगवान गणेश की स्थापना का प्रथम दिवस होने के चलते पहले भगवान गणेश का स्मरण कर पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात हनुमानजी महाराज का रुद्राभिषेक हुआ। पं. विद्याधर वैष्णव के अनुसार गणेशजी की आराधना भी उतनी ही जरूरी है, जितनी हनुमानजी की। संयोगवश आज शनिवार है और हमने प्रथम पूज्य की स्थापना पहले की और इसके बाद अभिषेक की प्रक्रिया प्रारंभ की।
यजमान प्रेमनारायण दांगी पटेल, हरिनारायण पटेल, भोला पटेल, हेमंत दांगी आदि ने बताया कि उनका सौभाग्य है कि एक ही स्थान पर गणेशजी की स्थापना व पूजा एवं हनुमानजी का अभिषेक करने का अवसर मिला। पं. अंतिम उपाध्याय के अनुसार गणेशजी प्रथम पूजनीय हैं। सौभाग्य की बात है कि मंदिर में अखंड ज्योत के साथ-साथ गणेशजी की स्थापना की गई। मंदिर में अखंड ज्योत जलाना ही माताजी की शक्ति का प्रतीक है और हनुमानजी महाराज स्वयं शक्ति का अवतार हैं। दोनों शक्ति हमारी रक्षक है।
श्रद्धालु महेंद्र दांगी ने बताया शक्ति का पूजन हमेशा करते आए हैं। यह संयोग है कि इसी मंदिर परिसर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापना के साथ भगवान शंकर भी शिवलिंग रूप में विराजित है। सभी की आराधना एक साथ होना सौभाग्य की बात है।
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