- कई मायनों में प्रायवेट स्कूलों से आगे है महाकाल कॉलोनी का मिडिल स्कूल
- यहां के बच्चे कठिन सवालों को आसानी से करते हैं हल, इंग्लिश स्पिकिंग में भी हो रहे माहिर
देवास। सीमित संसाधनों में भी श्रेष्ठ शिक्षा के साथ बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में महाकाल कॉलोनी में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस विद्यालय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं प्राप्त हो रही है, जो महंगी फीस लेने वाले प्रायवेट स्कूलों में दी जाती है। अबेकस पद्धति से कठिन से कठिन सवाल यहां के बच्चे चुटकी में करते हैं। स्पोकन इंग्लिश की क्लास बच्चों को इंग्लिश में दक्ष कर रही है। एक सरकारी स्कूल में यह सब संभव हुआ है यहां के प्रधान अध्यापक महेश सोनी के प्रयासों से।
प्रधान अध्यापक श्री सोनी ने कुछ ही वर्षों में अपने प्रयासों से इस सरकारी स्कूल का कायाकल्प कर दिया है। विद्यालय परिसर में प्रवेश करते ही हरियाली से आच्छादित परिसर और उसमें तरह-तरह के पेड़-पौधे मन को सुकून देते हैं। इसी छोटे से उद्यान में बच्चों के मनोरंजन के झूले, फिसलपट्टी भी है। ये सुविधा सरकारी स्कूलों में आमताैर पर नहीं होती है। झूले-फिसलपट्टी की सुविधाएं श्री सोनी ने जन सहयोग से जुटाई। इस उद्यान में ऊंचे पेड़ों के साथ ही बड़ी संख्या में गमले हैं, जिनमें सुंदर, सजावटी व खुशबूदार पौधे लगे हैं। कई तरह के फूल उद्यान की खूबसूरती को बढ़ा रहे हैं।
पढ़ाई की बात करें तो मैथ्स ऐसा सब्जेक्ट है, जो बच्चों को तनाव देता है। बच्चों के तनाव को दूर करने के लिए स्कूल में अबेकस पद्धति का ज्ञान दिया जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चे चुटकी में कठिन से कठिन सवाल को हल कर रहे हैं। श्री सोनी का अगला लक्ष्य कम्प्यूटर लैब तैयार करने का है। कम्प्यूटर लैब तैयार होने पर बच्चों को स्कूल में ही कम्प्यूटर की शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। विद्यालय में सभी बच्चों को शासन से प्राप्त सुविधाओं के अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ एवं निजी प्रयास से स्टेशनरी शूज, बैग, खेल सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। बच्चों को प्रति सप्ताह फलों का वितरण किया जा रहा है। इस स्कूल की विशेषता है यहां सभी त्योहारों पर उत्सव मनाया जाता है। इसके माध्यम से बच्चों में भारतीय संस्कृति के प्रति समझ जाग्रत हो रही है।
श्री सोनी सभी पालकों से नियमित संपर्क रखते हैं। बच्चों को शासकीय सर्विस के लिए तैयार करने हेतु सामान्य ज्ञान का अध्ययन भी करवाते हैं। श्री सोनी के द्वारा दिए गए निशुल्क मार्गदर्शन से अनेक बच्चे पुलिस सेवा, सैन्य सेवा, पटवारी, बैंक एवं प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए हैं। श्री सोनी की पढ़ाने की शैली सहज-सरल है जो बच्चों को बहुत पसंद हैं।
समय-समय पर विद्यालय में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया जाता है। निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों को बुलाकर बच्चों के कंपटीशन कराई जाती है ताकि उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न हो सके। समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण करवाया जाता है। श्री सोनी को कलेक्टर द्वारा एवं नगर निगम तथा अन्य सामाजिक संस्थाओं ने कई बार पुरस्कार प्रदान किया है। इन सभी कार्यों के लिए महेश सोनी को 2021 में राज्य शासन का सर्वोच्च राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
श्री सोनी बताते हैं कि प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में ही बच्चों की नींव मजबूत करने की जिम्मेदारी होती है। यहां से बच्चे आगे की कक्षा में जाते हैं। अगर उनकी नींव मजबूत होगी तो वे आने वाली परीक्षाओं में आसानी से सफल हो सकते हैं। हमारा प्रयास रहता है कि बच्चों को स्कूल में वे सभी सुविधाएं प्राप्त हो सके जो महंगी फीस देने वाले प्रायवेट स्कूलों में होती है।
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