महिलाओं ने पीपल के वृक्ष पर सूत लपेटकर सुख-समृद्धि के लिए की कामना
बेहरी। सोमवती अमावस्या पर दिनभर दान-पुण्य का क्रम चलता रहा। बड़ी संख्या में लोग नर्मदा नदी में स्नान के लिए पहुंचे। महिलाओं ने व्रत रखकर पति की दीर्घायु की कामना की। पीपल के वृक्ष पर कच्चे सूत को लपेटते हुए 108 बार परिक्रमा की। मंदिरों में विशेष पूजन-अर्चन हुआ।
सोमवती अमावस्या पर ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण रूप से वातावरण धर्ममयी बना रहा। मंदिरों में विशेष पूजन के साथ भजन-कीर्तन हुए। पीपल के वृक्ष का महिलाओं ने पूजन किया। सूत लपेटकर सुख-समृद्धि की कामना की। निशा उपाध्याय ने बताया, कि सोमवती अमावस्या पर पीपल के वृक्ष की पूजा का महत्व है। पीपल के वृक्ष को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि पीपल के वृक्ष पर भगवान विष्णु का वास होता है।
अमावस्या पर महिलाओं ने सौभाग्य व समृद्धि के लिए पीपल के वृक्ष पर सूत लपेटा। उन्होंने बताया जिस दिन अमावस्या सोमवार को होती है, उस दिन विशेष योग बनता है। सोमवती अमावस्या पर की गई पूजा विशेष फलदायी होती है। बेहरी में जहां पीपल के वृक्ष हैं, वहां महिलाओं की भीड़ नजर आई। पूजन के साथ ही महिलाओं ने फल-फूल अर्पित कर सुख-समृद्धि के लिए कामना की।
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