– मामला बेहरी फाटे से धावड़िया ग्राम पंचायत तक प्रधानमंत्री सड़क का
– वाहन चालकों को दूर से नजर नहीं आता अतिक्रमण, होती है दुर्घटनाएं
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। प्रधानमंत्री रोड वर्ष 2009 में बना था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क से ग्रामीणों की आवाजाही सुगम होती है। इन सड़कों के निर्माण के दौरान निर्धारित चौड़ाई का भी ख्याल रखा जाता है। जहां अतिक्रमण है, वहां हटाया भी जाता है। सभी प्रकार के अवरोध हटाने के बाद ही सड़क का निर्माण होता है। बेहरी फाटे से धावड़िया ग्राम पंचायत तक इसी योजना में सड़क का निर्माण हुआ है। सड़क निर्माण के दौरान अतिक्रमण सहित मार्ग में अवरोध पैदा कर रही झाड़ियों व पेड़ों को हटाया गया था। रोड की सीमा कर नाली खोदी गई थी, लेकिन अब सड़क के किनारे और कहीं-कहीं पर तो सड़क तक झाड़ियां उग रही है। इनकी आड़ में कई जगह सड़क पर अतिक्रमण हो चुका है। यह अतिक्रमण दुर्घटना का कारण भी बन रहा है।
बेहरी से धावड़िया तक नौ किमी की सड़क का निर्माण राहगीरों की सुविधा के लिए किया गया था। सड़क पर अतिक्रमण से एक वर्ष में कई दुर्घटनाएं हो चुकी है, जिनमें दो युवाओं की मौत भी हो चुकी है। बेहरी फाटे से बेहरी तक सड़क के दोनों ओर कुछ किसानों ने पेड़ों व झाड़ियों की आड़ में सड़क के हिस्से पर अतिक्रमण कर लिया है। जहां अतिक्रमण है, वहां सड़क बहुत संकरी है।
विशेष रूप से बेहरी फाटे से बेहरी तक कई स्थानाें पर सड़क के दोनों किनारे झाड़ियों व पेड़ों से पट गए हैं। कहीं पर सड़क की चौड़ाई सामान्य है और कहीं पर अतिक्रमण होने से सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। ऐसे में रात्रि में दूर से आने वाले वाहन चालकों को अतिक्रमण नजर नहीं आता और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। रात्रि में यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है। पिछले 2 महीने में आधा दर्जन बाइक सवार टकरा चुके है। इनमें कई ग्रामीण घायल हो चुके हैं
जब प्रधानमंत्री सड़क निर्माण हुआ था, तब सीमांकन के तहत दोनों ओर नालियां खोदकर किसानों को अपनी सीमा बता दी गई थी, किंतु कुछ किसानों ने अब नाली पार कर आगे बढ़कर सड़क किनारे तक कांटेदार बागड़ लगाकर एवं कुछ किसानों व रहवासियों ने सड़क किनारे मकान बना लिए हैं। इसके चलते सामने से आ रहे बड़े वाहन को मोटरसाइकिल सवार साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चे को साइड देने में परेशानी आती है।
इस संबंध में 10 से अधिक ग्रामीणों ने एवं चार पंचायत के सरपंचों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यालय में पत्र लिखकर मांग की है कि इस सड़क का सीमांकन किया जाना चाहिए। बड़े वाहन आमने-सामने से निकल नहीं पाते। यहां से साइकिल से स्कूल जाने वाले स्कूली बच्चे, सैकड़ों की संख्या किसान अपनी उपज बागली मंडी ले जाते हैं। क्षेत्र के किसान व दूध विक्रेता प्रतिदिन सुबह-शाम इस रोड से गुजरते हैं। इस सड़क से 20 से अधिक गांवों के लोगों का आनाजाना लगा रहता है। रास्ता संकरा होने से सामने की टक्कर का अंदेशा बना रहता है। इसके बावजूद अब तक अतिक्रमण हटाने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
इस संबंध में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सहायक प्रबंधक संतोष मंसारे का कहना है यह बात सही है इस मार्ग पर झाड़ी एवं पेड़-पौधे की समस्या है। कुछ किसान नाली पार कर सड़क के किनारे तक आ गए हैं। अभी वर्षा का मौसम है। वर्षा जैसे ही खुलती है वैसे ही पटवारी एवं तहसीलदार की मदद से सीमांकन करवाएंगे। रहवासियों व किसानों को उनकी सीमा में जाने के लिए समझाइश दी जाएगी, नहीं मानने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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