सोयाबीन उपज में लागत बढ़ने व गिरते दामों से किसान परेशान: जनपद सदस्य प्रतिनिधि राकेश खिरनी

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सिरोल्या (अमर चौधरी)। सोयाबीन की खेती करने वाले किसान बढ़ती लागत और बाजार में गिरते दामों से काफी परेशान हैं। हर साल किसान सोयाबीन की फसल से मुनाफे की सोचता है, किंतु भाव में लगातार गिरावट होने के चलते किसान आर्थिक रूप से कमजोर होकर व्यथित हो गया है। घाटे का सौदा बनी सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6500 रुपए क्विंटल होना चाहिए।

सिरोल्या जनपद सदस्य प्रतिनिधि राकेश खिरनी ने शासन से मांग करते हुए कहा, कि सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाना चाहिए। खुले बाजार में भी सोयाबीन के भाव कम से कम 6000 रुपए क्विंटल से शुरू होना चाहिए।

सुभाष चौधरी, रामेश्वर चौधरी, विष्णु चौधरी, दिलीप चौधरी, रमेश पटेल आदि ने कहा, कि पिछले कई सालों से किसानों को सोयाबीन का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। कभी अधिक बारिश से फसल खराब हो जाती है, तो कभी सूखे के कारण सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट हो जाती है। पिछले वर्ष फसल में पीला मोजक लगने से उत्पादन प्रभावित हुआ है। एक महीने बाद इस सीजन की फसल पक जाएगी।

इन दिनों में कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन का भाव 3500 से 4200 रुपए क्विंटल ही चल रहा है, जिसमें लागत भी निकालना मुश्किल है। किसानों को परिवार के भरण-पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के हित में सोयाबीन की खरीदी सर्मथन मूल्य पर केन्द्रों के माध्यम से शीघ्र ही शुरू की जाएं।

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