युवा कृषक दांगी ने कहा, कि सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाना चाहिए। खुले बाजार में भी सोयाबीन के भाव कम से कम 7 हजार रुपए क्विंटल होना चाहिए। पिछले कुछ सालों से किसानों को सोयाबीन का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। कभी अधिक बारिश तो कभी सूखे के कारण सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कभी इल्ली व बांझपन के प्रकोप से भी सोयाबीन को नुकसान होता है। अगर खेती को लाभ का धंधा बनाना है तो सोयाबीन समर्थन मूल्य निर्धारित कर केंद्रों के माध्यम से खरीदी जाए। इसके अलावा कृषि मंडियों में भी सोयाबीन के भाव को लेकर ध्यान दिया जाए।
युवा कृषक दांगी ने बताया कि किसान की योजना धरातल पर रहकर नहीं बनाई जाती हैं। बड़े-बड़े एसी रूम में बैठकर योजना बनाते हैं। अधिकारियों वास्तविक स्थिति का अंदाजा नहीं रहता। योजनाएं धरातल पर किसानों के हित में बनाई जाना चाहिए।
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