– धूमधाम से मनाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व
– भगवान की पोषाकों में बच्चे बने आकर्षण का केंद्र
देवास। हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की… नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की…, छोटी-छोटी गैय्या, छोटे छोटे ग्वाल…, गोविंदा आला रे…, श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी… जैसे कृष्णभक्ति भजनों पर बच्चों ने शानदार नृत्य की प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। बच्चे राधाकृष्ण, बाल गोपाल, बलराम, सुदामा की पोषाख में सज-धजकर स्कूल पहुंचे, जो आकर्षण का केंद्र थे।
अवसर था मक्सी रोड तुलजा विहार स्थित सतपुड़ा एकेडमी में आयोजित जन्माष्टमी पर हुए आयोजन का। यहां पर नन्हें विद्यार्थियों ने राधाकृष्ण, वसुदेव, ग्वाले, देवकी और गोपियों के संग कृष्ण प्रसंगों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। बच्चों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर आधारित एक आकर्षक नाटिका का मंचन किया। इसमें करुणा, प्रेम और बुराई पर अच्छाई की जीत जैसे
शास्वत मूल्यों को दर्शाया गया। कृष्ण-सुदामा की मित्रता पर आधारित मार्मिक दृश्यों का सजीव चित्रण देखकर सभी की आंखें नम हो गईं।
इस अवसर पर विशेष आकर्षण दही हांडी का आयोजन रहा, जहां परामिड बनाकर मटकी फोड़ने का दृश्य आकर्षण का केंद्र रहा। हांडी फूटते ही श्रीकृष्ण जी के जयकारों से परिसर गुंजायमान हो गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर को तोरण, आम के पत्ते, फूल माला एवं आकर्षक रंगोली से सजाया गया था।
संस्था ने प्रतियोगिता भी आयोजित की, जिसमें बच्चों ने अपने हाथों से मोरपंख, बांसुरी, दही मटकी, कृष्ण जी के चित्रों को उकेरा और रंग भरे। इसी के साथ श्रीकृष्ण की झांकी का निर्माण किया गया, जिसे खूब सराहना मिली।
सर्वप्रथम वैभव विहार शिक्षा समिति अध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने भगवान श्रीकृष्ण के चित्र का पूजन-अर्चन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
श्री सेंधव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र से सीख लेकर हमें उनके सिद्धांतों एवं आदर्श को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने मानव समाज के कल्याण के लिए धर्म के पथ पर चलने का मार्ग बताया।
श्री सेंधव ने आगे कहा कि भारत में पर्व ही एकमात्र साधन हैं, जिन्होंने समाज में भाईचारे व प्रेम को बचा रखा है। हमें त्यौहारों को उत्सुकता व खुशी से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने बल व बुद्धि से बुराई पर विजय प्राप्त की। हम सभी को श्रीकृष्ण के बताए मार्ग पर चलना चाहिए और अपनी बुराईयों पर जीत प्राप्त कर देश व समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।
संस्था संचालक भानूप्रतापसिंह सेंधव ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी पर्व के विषय में विस्तार से बताया और कहा कि कर्म बड़ा या छोटा नहीं होता, बस हमारी भूमिका का निर्वहन ईमानदारी से तथा समाज एवं लोक कल्याण के लिए होना चाहिए। श्रीकृष्ण हम सबको सही जीवन जीने की सीख देते हैं। ऐसे धार्मिक आयोजन से बच्चे अपनी धर्म और संस्कृति से जुड़े रहते हैं।
आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, स्कूली स्टाफ उपस्थित रहा। यह जानकारी मीडिया प्रभारी दिनेश सांखला ने दी।
Leave a Reply