जन्माष्टमी पर कुछ सामान्य से उपाय कर आप जन्म कुंडली में मौजूद समस्त प्रकार के ग्रह दोष का निवारण कर सकते हैं।
राशि के अनुसार भी ज्योतिष शास्त्र में उपाय है। श्रद्धापूर्वक उपाय करते हैं तो समस्याओं का समाधान अवश्य होता है।
जन्माष्टमी पर सुबह 4 से 6 के बीच स्नान आदि के बाद एक पटिया रखकर पीला या लाल वस्त्र रखकर भगवान श्री कृष्ण को स्थापित करें। साथ ही घी का दीपक प्रज्वलित करें। उसमें एक चुटकी हल्दी को डाले। इसके पश्चात ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। साथ ही ॐ राधा केशवाय नमः ।। इस मंत्र का भी 108 बार जाप करें। आपको हृदयपूर्वक मंत्र का जाप करना है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में सूर्यास्त के बाद गुलाब के 11 पुष्प अर्पित करना है। वहीं पर बैठकर ध्यान लगाना है। ऐसा निष्ठा से अगर करते हैं तो आपके जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्या का समाधान होगा।
जन्म राशि के अनुसार जन्माष्टमी पर करें उपाय-
मेष राशि के जातक को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा लाल अष्टगंध से करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद हनुमान मंदिर जाकर हनुमानजी को अनार का भोग अर्पण करें।
वृषभ राशि वालों को श्रीकृष्ण की मेवा से पूजा करना चाहिए और साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी देवी मंदिर जाकर सफेद मिठाई का भोग लगाए। मिथुन राशि के जातक श्रीकृष्णजी को हरे रंग का दुपट्टा अर्पित करें। साथ ही गणेश मंदिर जाकर गणेशजी को दुर्वा अर्पित करें। कर्क राशि के जातक मक्खन का भोग अर्पित करें और किसी भी शिव मंदिर जाकर सूर्यास्त के बाद दीपक प्रज्वलित करें।
सिंह राशि के जातकों के लिए गुलाब के पुष्प अर्पित करें। सुबह 6 से 8 बजे के बीच सूर्य को गुड़ मिलाकर जल चढ़ाएं। कन्या राशि के जातक धनिए का भोग अर्पित करें। साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी भी देवी मंदिर जाकर मिश्री का भोग लगाएं।
तुला राशि के जातक गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें। साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी भी देवी मंदिर जाकर देवी को एक पान का बीड़ा अर्पित करें। वृश्चिक राशि के जातक मीठे हलवे का भोग लगाएं। साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी भी पंचमुखी हनुमान मंदिर जाकर हनुमानजी को गुड़ का भोग अर्पण करें। धनु राशि के जातक अष्टगंध से पूजन करें एवं केले का भोग अर्पण करें। साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी भी देवी मंदिर जाकर पीली मिठाई का भोग लगाएं।
मकर राशि के जातक भगवान श्री कृष्ण का लाल रंग की पगड़ी से श्रृंगार करें। साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी भी भैरव मंदिर जाकर भेरुजी को एक नारियल का भोग अर्पण करें। कुंभ राशि के जातक नीले रंग का दुपट्टा अर्पण करें। मीन राशि के जातक पीले रंग के वस्त्र अर्पण करें। साथ ही सूर्यास्त के बाद पीपल की जड़ में एक सरसों का तेल का दीपक जलाएं।
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