– मालवा निमाड़ में रूफ टॉप सोलर नेट मीटर वाले उपभोक्ताओं की संख्या हुई 17500
– छह माह के दौरान छतों से बिजली बनाने वाले 55 प्रतिशत बढ़े, सबसे अधिक इंदौर और देवास जिले में
इंदौर। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लागू होने के बाद रूफ टॉप सोलर नेट मीटर अपनाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। फरवरी से लेकर अगस्त तीसरे सप्ताह तक छतों, परिसरों में सोलर पैनल्स लगाने वालों की संख्या में करीब 55 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी इंदौर और देवास जिले में दर्ज हुई है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि कंपनी के मौजूदा उपभोक्ताओं द्वारा छतों, परिसरों से बिजली बनाने में काफी रूचि ली जा रही है। शहरी क्षेत्र के प्रत्येक डिविजनों में रोज आवेदन आ रहे हैं। इन्हें कम से कम समय में मंजूरी दी जा रही है। पीएम सूर्यघर योजना को लेकर बिजली उपभोक्ताओं में व्यापक रूचि है, इसी वजह से छह माह में करीब साढ़े पांच हजार उपभोक्ताओं ने रूफ टॉप सोलर नेट मीटर अपनाकर मेरी छत मेरी बिजली का नारा बुलंद किया है।
श्री तोमर ने बताया कि अगस्त के तीसरे सप्ताह तक कंपनी क्षेत्र में 17500 उपभोक्ता रूफ टॉप सोलर नेट मीटर योजना से जुड़े है। तीन किलो वाट तक सोलर संयंत्र लगाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है, क्योंकि इस क्षमता तक वर्तमान में अधिकतम 78 हजार रुपए की सब्सिडी केंद्र शासन की ओर से उपलब्ध है।
श्री तोमर बताया कि पीएम सूर्यघर योजना को लेकर सबसे ज्यादा वृद्धि इंदौर जिले और देवास जिले में दर्ज हुई है। इसके बाद उज्जैन जिला है। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया कि कोई भी उपभोक्ता केंद्र शासन और बिजली कंपनी के अधिकृत रूप से दर्ज वेंडर से रूफ टॉप सोलर नेट मीटर संयंत्र लगा सकता है। सोलर संयंत्र लगाने वाले उपभोक्ताओं का बिल अगले बिल माह से ही कम आने लगेगा। बिल में उसके परिसर से उत्पादित सोलर बिजली भी स्पष्ट रूप से दर्ज होती है।
पश्चिम मप्र के शहरों की स्थिति-
पश्चिम मप्र में सबसे ज्यादा सोलर रूफ टॉप इंदौर शहर में हैं। इंदौर मध्य शहर, सुपर कॉरिडोर क्षेत्र, बायपास से लगी कॉलोनियों, औद्योगिक इलाकों इत्यादि में मिलाकर 10 हजार सात सौ स्थानों पर सूरज की किरणों को सहेजकर बिजली तैयार की जा रही है। उज्जैन शहर में 1200 से ज्यादा और देवास शहर में 500 और रतलाम शहर में 450 उपभोक्ता बिजली तैयार कर रहे हैं। तुलनात्मक रूप से फरवरी से अगस्त तक सबसे ज्यादा प्रतिशत आधारित बढ़ोतरी देवास और इंदौर शहर में हुई है।
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