रैगिंग के खिलाफ छात्रों को किया जागरूक, बनाया सकारात्मक माहौल
देवास। एंटी रैगिंग दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है और इसी दिन से एंटी रैगिंग सप्ताह शुरु होता है, जो 18 अगस्त तक चलता है। अमलतास विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों में अनुशासन बनाए रखने और रैगिंग की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए छात्रों द्वारा छात्रावासों में रैगिंग विरोधी पोस्टर प्रदर्शित कर रैली निकली गई।
इस रैली का मुख्य उद्देश्य रैगिंग के खिलाफ जागरूकता फैलाना और नए छात्रों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना था। रैगिंग एक गंभीर समस्या है, जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। रैली सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से शुरू हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। सभी ने “रैगिंग मुक्त परिसर” और “सुरक्षित शिक्षा” जैसे नारे लगाए। छात्रों ने रैली के दौरान रैगिंग के खिलाफ विभिन्न संदेश दिए। इस रैली में उपस्थित सभी लोगों ने एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों के प्रयासों की सराहना की और यह संकल्प लिया कि वे रैगिंग को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
अमलतास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े ने भी इस विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को रैगिंग के खिलाफ एकजुट होने और इसकी सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया। अमलतास विश्वविद्यालय के रजिस्टार अधिकारी संजय रामबोले ने बताया, कि इस रैली ने न केवल रैगिंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई बल्कि सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर सख्त नीतियां अपनाएंगे और किसी भी प्रकार की रैगिंग की घटनाओं को गंभीरता से लेंगे। अमलतास विश्वविद्यालय के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया की अमलतास विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू विभाग द्वारा आयोजित एंटी रैगिंग रैली ने यह साबित कर दिया कि जब छात्र और शिक्षक एकजुट होते हैं, तो सकारात्मक बदलाव संभव है। आयोजित रैली में अमलतास अस्पताल निदेशक डॉ. प्रशांत, डॉ. कुलकर्णी, सभी कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
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