भक्तों ने की बाबा की आगवनी, पुष्पवर्षा कर उतारी आरती, लिया आशीष
नेमावर (संतोष शर्मा)। श्रावण माह के चतुर्थ सोमवार पर नर्मदा के उत्तर तट पर ब्रह्मा के मानस पुत्रों द्वारा स्थापित किए बाबा सिद्धनाथ की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन हेतु रविवार रात्रि से ही भक्तों का आगमन होना आरंभ हो गया। भक्तों ने रविवार रात्रि में बाबा की संध्या काल में होने वाली शयन शृंगार आरती की व सोमवार की प्रातःकाल होने वाली भस्म आरती के दर्शन, पूजा-अर्चना, जलाभिषेक कर शुभ, मंगल, आरोग्य, सुख संपदा का आशीष लिया। ब्राह्मणों को यथा शक्ति द्रव्य दान कर आशीष लिया।
शाम 5 बजे बाबा काे मठ प्रांगण में सांगोपांग पूजन-अर्चन कर रजत पालकी में विराजित कर नगर भ्रमण कराया। पालकी यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से निकाली गई। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर आरती उतारी गई। वही बाबा के आगमन पर महिलाओं ने बाबा की भक्ति में भजन कीर्तन कर यात्रा को भक्तिभाव से भर दिया। बाजार चौक पर भक्तों ने स्टाल लगाकर फलहारी खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया।
डीजे की धुन पर भक्त नृत्य कर रहे थे तो बाबा की पालकी के आगे झांझ पर नृत्य की प्रस्तुति दे रहे थे। यात्रा नगर भ्रमण कर करीब 8 बजे सिद्धनाथ मंदिर प्रांगण पहुंची, जहां बाबा की पुनः आरती कर भक्तों को महंत गजानंद पुरी ने प्रसाद वितरण किया। पालकी शोभायात्रा में नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल, राजपाल तोमर, अशोक व्यास, प्रमोद भिसे, जनपद उपाध्यक्ष मनीष गुर्जर, पूर्व सरपंच दिगपाल तोमर, पूर्व सोसायटी अध्यक्ष जगदीश यादव, वरिष्ठ जनसेवक राकेश कोठारी सहित कई भक्त सम्मिलित थे।
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