पौधे का पेड़ बनने तक बच्चों की तरह संरक्षण होना चाहिए- न्यायाधीश श्री सोलंकी
टोंकखुर्द (विजेंद्रसिंह ठाकुर)। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार पंच-ज अभियान के अंतर्गत पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से 5 जून से 15 अगस्त तक (72 दिवसीय) प्रदेशव्यापी वृहद पौधारोपण अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में शनिवार को तहसील विधिक सेवा समिति टोंकखुर्द द्वारा वन विभाग के सहयोग से कोर्ट परिसर के पास स्थित वन परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पौधारोपण कार्यक्रम में न्यायाधीश बीएस सोलंकी व आयुषी श्रीवास्तव ने पौधारोपण किया।
पौधारोपण कार्यक्रम में न्यायाधीश श्री सोलंकी ने बताया कि जिस प्रकार शरीर को पोषण के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। हमें पौधे का पेड़ बनने तक बच्चों की तरह संरक्षण करना चाहिए। पेड़-पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण करना भी बहुत जरूरी है। पेड़-पौधे पर्यावरण की अशुद्धियों को सोख लेते हैं और हमें शुद्ध प्राण दायिनी वायु देते हैं। इसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
न्यायाधीश आयुषी श्रीवास्तव ने बताया कि वृक्ष इस धरा प्रकृति के आभूषण हैं। वृक्ष के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। हरा-भरा संसार हमारे जीवन को हराभरा बनाता है। हरियाली जीवन में खुशहाली देती है, प्रकृति के आभूषण है वृक्ष पेड़ पौधे, इनसे पर्यावरण शुद्ध रहता है और शुद्ध पर्यावरण में ही मानव जीवन संभव है। पेड़-पौधे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनसे पृथ्वी पर ऋतु चक्र बना रहता है। ऋतु चक्र को संतुलित बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना अनिवार्य है।
पौधारोपण कार्यक्रम में दिलीपसिंह पंवार, गोविंदसिंह पटेल, मुश्ताक सिद्दीकी, सुमेरसिंह यादव, पद्मसिंह उदाना, संतोष जाट, अर्जुन गिरी गोस्वामी, जगदीश लाठिया, शशिकांत शर्मा, आशीष भंडारी, सतीश पटेल, विनय श्रीवास्तव, दीपेश व्यास, अजय बामनिया, शाहरुख पटेल, सीएस परमार एडीपीओ व पुरुषोत्तम साहू, चंदर मामा सहित न्यायालयीन एवं वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
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