अमरीकन भुट्टे किसानों के लिए बने आय का जरिया
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। हाइवे पर रिमझिम बारिश के बीच खट्टे-मीठे मसाले से युक्त गरमागरम भुट्टे हर किसी के मुंह में पानी ला देते हैं। इन भुट्टों को लगाने वाले किसान कम समय में अच्छी कमाई कर रहे हैं। फायदे की इस फसल का रकबा भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इस बार बेहरी में आधा दर्जन से अधिक किसानों ने अमरीकन मक्का अर्थात स्वीट् कॉर्न लगाई है। स्वीट कॉर्न 70 से 80 दिनों में पककर खाने लायक हो जाती है। बारिश के माैसम में इसके भाव भी अच्छे मिल रहे हैं।
बेहरी के किसान मेहताब बछानिया, गंगाराम वास्केल, प्रताप बछानिया, हेमराज भिलाला एवं चंदर बागवान आदि ने एक-एक बीघा खेत पर यह फसल मई, जून माह में लगाई थी।
वर्तमान में स्वीट कॉर्न के भुट्टे पक गए हैं, जिन्हें बाजार में बेचना शुरू कर दिया है। वर्तमान में 15 से 20 रुपए किलो के भाव से ये भुट्टे आसानी से बिक रहे हैं।
किसानों का कहना है, कि यह फसल लाभ का सौदा है, लेकिन दिक्कत यह है, कि मीठी होने के कारण इस पर पक्षियों की निगाह बनी रहती है, इसलिए जिस खेत में मक्का फसल लगाई जाती है उस खेत में पूरे समय एक व्यक्ति को रहना आवश्यक है, वरना पक्षी इस भुट्टे को खा जाते हैं।
किसानों ने बताया यदि देखरेख अच्छी हो तो प्रति बीघा 30 से 40 हजार रुपए तक की कमाई इस फसल में हो जाती है।
किसानों ने बताया हाइब्रिड बीज होने के कारण एक पौधे में 2 से 3 भुट्टे लगते हैं, जो अन्य मक्का बीज की अपेक्षा 3 गुना अधिक होती है। वजन में भी भारी होने के कारण कीमत अच्छी मिल जाती है। दूसरी परेशानी यह है कि इसका बीज घर पर नहीं बनाया जा सकता इसे पकते ही बेचना पड़ता है, वरना खराब होने का डर बना रहता है।
वर्तमान में बेहरी में 5 से 6 हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने फसल लगाई है। आने वाले समय में इसका उत्पादन बढ़ सकता है और खेत खाली होकर अगली फसल प्याज के काण के लिए भी उपयोग में ली जाएगी।
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