भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक भुवनेश्वर में आयोजित

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Bhartiya kisan sangh

किसान हितैषी बीज कानून तत्काल बनाए सरकार- भारतीय किसान संघ

देशभर के 200 से अधिक किसान प्रतिनिधि हुए शामिल।

कृषि व किसान के विषयों पर दो दिन तक हुआ चिंतन, कृषि लागत कम करने पर हुआ मंथन

भुवनेश्वर (उड़ीसा)। देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक उड़ीसा के भुवनेश्वर स्थित उत्कल विपन्न सहायता समिति के सभागार में संपन्न हुई। इसमें देशभर के 200 से अधिक किसान प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

बैठक के प्रथम दिन भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, महिला आयाम प्रमुख मंजू दीक्षित, मंत्री वीणा सतीश, सुशीला सिंह की उपस्थिति में गौपूजन, भारत माता, भगवान बलराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जलित कर प्रबंध कार्यकारिणी बैठक का शुभारंभ किया गया। बीज कानून संबधी प्रस्ताव को अखिल

भारतीय मंत्री बाबूभाई पटेल व आईसीएआर संबधी प्रस्ताव डॉ. सोमदेव शर्मा ने प्रबंध समिति बैठक में रखा। महामंत्री श्री मिश्र ने देशभर के प्रांतो में होने वाले निर्वाचन के लिए निर्वाचन कार्यक्रम व निर्वाचन अधिकारियों की घोषणा भी की।

ये प्रस्ताव हुए पास-
1- भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में बीज कानून तत्काल बनाने का प्रस्ताव पास कर सरकार के समक्ष कानून बनाने की मांग रखते हुये महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया, कि सही बीज कानून न होने के कारण नकली, अप्रमाणिक व अनाधिकृत बीज बाजार में चल रहे हैं। इन बीजों के कारण किसानों का भारी नुकसान हो रहा है। मूल्य नियंत्रण न होने के कारण किसानों की लागत में बेतहाशा वृद्वि हो रही है। 15 हजार करोड़ के बीज बाजार पर किसान की निर्भरता बढ़ रही है। श्री मिश्र ने कहा, कि खाद्यान्न सुरक्षा का मूल आधार किसान है और बीज किसानों का अधिकार है, इसलिए केंद्र सरकार से आग्रह है कि किसान के शोषण को रोकने के लिये सरकार तुरंत कानून बनाये, जिससे बीज किफायती मूल्यों पर उपलब्ध हो। गलत बीज, नकली बीज बनाने वाली कंपनियों के लिये कड़े दंड का विधान हो। कृषि उत्पादन, संसाधन व कृषि उत्पादकता, प्राकृतिक संसाधन, दोहन व संरक्षण आधारित गुणवत्तायुक्त कृषि बीज किसान को उचित मूल्य पर मिले सके इस हेतु हितधारकों से सहमति बनाकर किसान हित व राष्ट्र हित में तत्काल बीज कानून बनाये।

2- अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया, कि केंद्र सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि क्षेत्र की सर्वोच्च सार्वजनिक कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रचार प्रसार की संस्था है। जिसमें देशभर में 731 कृषि विज्ञान केंद्र का बड़ा नेटवर्क है। इसके बावजूद भी 2023 से लगातार निजी कंपनियों जैसे ऐमाजोन, धानुका, बायर, कोरोमंडल आदि से कृषि शोध, सलाह, तकनीकी मार्गदर्शन व कृषि उत्पाद का व्यापार जैसे विषयों पर लगातार समझौता कर रहा है। श्री मिश्र ने प्रश्न उठाते हुये कहा, है कि देशभर के किसानों, किसान संगठनों, कृषक उत्पादक समूह की उपेक्षा कर विदेशी एमएनसी को प्राथमिकता देकर समझौते करना क्या देश हित में है, चयन में क्या प्रक्रिया, नियम, मापदण्ड अपनाये, क्या कार्बन क्रेडिट बाजारों के बारे में सार्वजनिक बहस हुई। जबकि संविधान अनुसार कृषि एक राज्य का विषय है। क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन कर सार्वजनिक नीति बनाई गई, क्या समझौते के दस्तावेज सार्वजनिक किये गये हैं, आईसीएआर बायर कंपनी से क्या सीखेगा, इन समझौतों में यह स्पष्ट नहीं है कि किस समस्या को हल करने का प्रयास किया जा रहा है।

श्री मिश्र ने आगे कहा कि देश के किसान को यह जानने का हक है कि क्षमता संपन्न वाले संस्थान की क्या मजबूरी है कि कुछ चुनिंदा विदेशी कंपनियों से ही समझौता करना पड़ा। जो संस्थायें हमारे कृषि क्षेत्र के आर्थिक और पर्यावरण संकट के लिये जिम्मेदार हैं। उन्हें ही हिस्सेदारी देना तर्कसंगत नहीं है।

भारतीय किसान संघ ने आईसीएआर को सुझाव देते हुये कहा कि किसानों के लिये नीतिगत निर्णय लेने से पहले देश के सभी कृषि हितधारकों, किसान संगठनों से चर्चा कर सहमति बनाकर किसान हित में नीति निर्धारित करें। प्रस्ताव पास कर किसान संघ ने आईसीएआर द्वारा किये गये संदिग्ध समझौतों को निरस्त करने तथा समझौतों की प्रतियां व पायलट प्रोजेक्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग रखी।

कृषि लागत कम करने पर हुआ मंथन-
भुवनेश्वर में आयोजित प्रबंध समिति बैठक में किसानों की कृषि लागत कम करने पर भी मंथन हुआ। किसानों ने सुझाव रखे कि सरकार को किसान सम्मान निधि में इजाफा कर किसान को आर्थिक मदद देनी चाहिये। कृषि आदानों पर जीएसटी कम करने की मांग भी किसानों द्वारा रखी गई। किसानों ने खाद सब्सिडी के नाम पर कंपनीयों को दी जाने वाली सब्सिडी किसानों को देने, सस्ती बिजली, पानी देनेेे की मांग को रखा।

ये थे उपस्थित-
भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, सह संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक जगदीशजी, उपाध्यक्ष भैयाराम मौर्य, पेरूमल, कोषाध्यक्ष युगलकिशोर मिश्र, मंत्री साई रेड्डी, वीणा सतीश, महिला आयाम प्रमुख मंजू दीक्षित, बाबू भाई पटेल, आईएन बसवेगौड़ा, भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी, उत्तरपूर्व क्षेत्र संगठन मंत्री श्रीनिवास, भानू थापा, अम्बूभाई पटेल, प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल, प्रदेश इकाई अध्यक्ष श्रीमुख प्रधान, महामंत्री जानकी वल्लभ की उपस्थिति रही।

 

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