देवास। अमलतास विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच प्रेम, श्रद्धा और सम्मान को समर्पित था।
महोत्सव का आरंभ स्वागत समारोह से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि ब्रह्मकुमारी की सभी बहनें एवं सदस्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिथि सीनियर राजयोग मेडिटेशन ट्रेनर बीके प्रेमलता दीदी ने गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं इसके आध्यात्मिक रहस्य समझाये। गुरुओं के प्रति आदर भाव एवं श्रद्धा भाव प्रकट करने का यह दिन हमारे जीवन में किस तरह मुक्ति एवं सद्गति की ओर प्रेरित करता है, इस पर जोर दिया एवं अमलतास विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेज के प्राचार्य और शिक्षकों ने अपने प्रेरणादायक भाषणों के माध्यम से शिक्षा के महत्व और गुरु-शिष्य संबंधों पर प्रकाश डाला।
उनके प्रेरणादायक विचारों और अमूल्य समय ने इस महोत्सव को सफल और यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वही विद्यार्थियों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपने शिक्षकों का स्वागत किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनमें नृत्य, संगीत और नाट्य शामिल थे। इन प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया और गुरुओं के प्रति समर्पण को दर्शाया।
विद्यार्थियों ने गुरु वंदना प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने गुरुओं की महिमा का गुणगान किया और उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस महोत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना भी था। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अतिथियों को तुलसी के पौधे उपहार स्वरूप भेंट किए।
कार्यक्रम में अमलतास विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संजय रामबोले अस्पताल निदेशक डॉ. प्रशांत, प्राचार्य डॉ. संगीता तिवारी, डॉ. अनीता, डॉ. योगेन्द्र भदोरिया, डॉ. नीलम खान, डॉ. अंजलि मेहता एवं मेडिकल कॉलेज के शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नेहा गौर द्वारा किया गया। अमलतास विश्वविद्यालय के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया द्वारा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।
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