गुरुपूर्णिमा पर्व शिष्य के लिए गुरु का सबसे अनमोल दिवस व संकल्प पर्व

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– धार्मिक आयोजन के साथ हुई वृक्ष गंगा अभियान पर चर्चा

– श्रद्धालुओं ने दीक्षा ली, साथ ही अन्य संस्कार भी हुए

देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व के उपलक्ष्य में 20 एवं 21 जुलाई को अखण्ड जप, दीपयज्ञ एवं पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ सहित विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए।

गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि 20 जुलाई को प्रात: 0₹6 बजे से शाम 6 बजे तक अखण्ड जप एवं शाम 0₹7 बजे दीपयज्ञ हुआ तथा 21 जुलाई गुरू पूर्णिमा को प्रात: 8.30 बजे से श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवतीदेवी शर्मा एवं देवोहवान व देवपूजन कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ हुआ साथ ही दीक्षा, यज्ञोपवित, विद्यारंभ, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार नि:शुल्क सम्पन्न हुए।

अपरान्ह 12. 30 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात आरती सम्पन्न हुई। अपरान्ह 1 बजे अपनों से अपनी बात में वृक्ष गंगा अभियान पर विशेष चर्चा हुई जिसमें जिला युवा समन्वयक प्रमोद निहाले ने वृक्षारोपण पर विशेष बात रखी और इस अभियान पर विशेष सहयोग की बात कही और कहा कि अगर आप एक पौधा रोपकर उसे पेड़ का रूप देते है तो वह पेड़ समाज को एक करोड़ रुपए से भी अधिक का अनुदान देता है जिसका पुण्य आपको सहज ही मिल जायेगा। श्री निहाले ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व शिष्य के लिए गुरू का सबसे अनमोल दिवस व संकल्प पर्व है, गुरुदेव के बताए हुए मार्ग पर चलकर उनका लाभ उठाना चाहिए।

वरिष्ठ परिजन सुभाष जैन ने सम्मानित संतोष शर्मा के मिले गायत्री परिवार के अतुलनीय योगदान को सार्वजनिक किया और उनकी अनुपस्थिति में उनका सम्मान पत्र युवा प्रकोष्ठ जिला प्रभारी प्रमोद को प्रदान किया गया जो की शाम को सामूहिक रुप से उनके निज स्थान पर भेंट करेंगे। गुरू पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा से सहयोग राशि देकर शक्तिपीठ से पौधें प्राप्त किए।

गायत्री शक्तिपीठ पर यज्ञ कर्मकांड का संचालन परिव्राजक रामनिवास कुशवाह सहित शक्तिपीठ की देवकन्याओं ने संगीतमय किया एवं दीक्षा, पुंसवन, विद्यारंभ सहित अन्य संस्कार देवीशंकर तिवारी ने सम्पन्न कराए तथा उनका सहयोग कैलाशसिंह ठाकुर ने किया। अंत में महाप्रसाद (भंडारे) का उपस्थित परिजनों ने लाभ लिया। इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर भी पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ हुआ।

प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में दीक्षा, यज्ञोपवित, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार सम्पन्न हुए। गुरु पूर्णिमा पर्व पर प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी ने कहा हर स्थिति में हर शिष्य का नैतिक कर्तव्य बन जाता है कि गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर अपने गुरु की बताई राह के साथ साथ उनके नाम का एक पौधा लगाकर उसे बड़ा होने तक संरक्षण का संकल्प लें। यही हर शिष्य के लिए गुरुजी को सच्ची श्रद्धांजलि है।

प्रज्ञापीठ पर भी महाप्रसाद (भंडारे) का उपस्थित परिजनों ने लाभ लिया। कार्यक्रम का संचालन महेश आचार्य, प्रखर पोरवाल, गौरव बरडे एवं मनीष शर्मा ने किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि शशिकांत यादव, अजय गुप्ता, हीरालाल निहाले, विक्रमसिंह राजपूत, भारतसिंह बनाफर, देवकरण कुमावत, बी. एम. विजयवर्गीय, रमेश पालीवाल, ओ. पी. श्रीवास्तव, शेषनारायण परमार, सरिता पाटीदार, गणेशचंद्र व्यास, ज्ञानदेव बोड़खे, अरुणेंद्र सोनी, दिलीप सोलंकी, लक्ष्मण पटेल, कांतिलाल पटेल, सुभाष धोते, सुशीला परमार, वंदना पाटीदार, स्नेहलता पोरवाल, राधा चंदावाला, आयुषी गुप्ता, अरुण शैव्य सहित सैकड़ों परिजन उपस्थित थे।

आभार गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंड्या एवं गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने माना।

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