जागरूक हो रहे हैं किसान, ड्रोन की मदद से कर रहे कीटनाशक और खरपतवार नाशक स्प्रे

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बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। नगर की बेटी और नगर की ही बहू आरती अलोक पिंडोरिया ने मई 2024 में ड्रोन चलाने की तकनीकी ट्रेनिंग ली और बेहरी आई। उन्होंने डेमो के रूप में कुछ खेतों में दवाई का स्प्रे किया जो पूरी तरह सफल रहा।

वर्तमान में पूरे क्षेत्र में खरीफ अंतर्गत सोयाबीन की फसल लगी है। इस फसल में कीटनाशक और खरपतवार नाशक दवाई की आवश्यकता रहती है। आरती पिंडोरिया ने इसका सफल परीक्षण अपने ही खेत पर किया। आरती ने बताया, कि इस ड्रोन में 20 मिनट का बैटरी बेकअप रहता है। शक्ति क्षमता 10 लीटर लिक्विड ले जाने की है। साथ में बताया, कि 20 मिनट में तीन एकड़ खेत में इस ड्रोन की मदद से दवाई का स्प्रे किया जा सकता है। इसका खर्च नहीं के बराबर आता है।

12 फीट ऊपर से होती है दवाई स्प्रे-
ड्रोन तकनीक में समय कम और काम अधिक होता है। इस तकनीक के तहत ड्रोन को 10 से 12 फीट ऊपर उड़ाया जाता है, जिसकी मदद से 12 से 15 फीट चौड़ी खेत की पट्टी में स्प्रे किया जाता है। ड्रोन की कीमत 55000 है। यदि किसान इसे खरीद कर उपयोग करें तो समय की बचत और खर्च की बचत के साथ-साथ मौसम का कोई प्रभाव नहीं गिरता। रिमझिम बारिश के दौरान भी इसकी मदद से खरपतवार नशा के एवं कीटनाशक दवाई का प्रयोग किया जा सकता है।

वैसे तो ड्रोन के उपयोग में मोबाइल की अहम जिम्मेदारी रहती है, मोबाइल के जरिए इसके काम को आसानी से देखा जा सकता है, फिर भी इसकी दूरी का अंदाजा जहां तक आपकी नजर जा सके वहां तक किया जा सकता है। आंखों से ओझल होने के बाद इसका उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए लगभग 500 फीट तक इसका उपयोग लिया जा सकता है।

पहली बार आई क्षेत्र में यह तकनीक-
क्षेत्र के किसानों ने बताया, कि अभी तक उन्होंने समाचार पत्र और चैनल पर ही इस तकनीक के विषय में देखा और सुना था लेकिन क्षेत्र में पहली बार यह तकनीक आने से उन्हें खुशी है आने वाले समय में बड़े किसान जरूर इसे खरीद कर इसका उपयोग करेंगे।

लेना पड़ती है अनुमति-
इस ड्रोन को खरीदने के पहले इसे उड़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन को आवेदन देकर अनुमति लेना अनिवार्य रहता है। कोई इसका दुरुपयोग नहीं कर सके इसके लिए कुछ प्रतिबंध भी रहते हैं।

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