योग ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांधा जा सकता है

Posted by

देवास। आनंद मार्ग प्रचारक संघ देवास के हेमेन्द्र निगम काकू एवं दीपसिंह तंवर ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आनंद मार्ग जाग्रति क्षिप्रा में मनाया गया।

आचार्य शांतव्रतानन्द अवधूत ने इस अवसर कहा कि अष्टांग योग के माध्यम से ही पूरे विश्व में शांति संभव है। योग ही एक ऐसा माध्यम है जिससे पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य एक हो जाए तब वहां सभी तरह का भेदभाव खत्म हो जाता है। जब समाज एक ही सकारात्मक सोच, चिंता धारा में बहने का प्रयास करेगा तभी विश्व शांति संभव हो सकेगी। योग के माध्यम से मनुष्य अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है। मानव को मानवता का अहसास योग के माध्यम से ही कराया जा सकता है। योग के बल पर ही भारत दुनिया का विश्व गुरु बन सकता हैे।

Dewas

कहा कि योग, आसन एवं प्राणायाम तीनों अलग-अलग चीज है। जीवात्मा का परमात्मा के साथ एकाकार होने का नाम ही योग है, जिस तरह पानी और चीनी को मिलाने से एकाकार हो जाता है, यानि मिलने के बाद चीनी और पानी का अलग अस्तित्व नहीं रहता, उसी तरह अध्यात्मिक साधना के माध्यम से जब साधक परमात्मा के साथ मिलकर एक हो जाता है, तो उस समय मैं तथा परमात्मा का बोध का अस्तित्व नहीं रहता।

आनंद मार्ग के योग साधना में जीवात्मा को परमात्मा के साथ मिलाने की जो अध्यात्मिक साधना की प्रक्रिया है वही है योग। आसन करने से शरीर और मन स्वस्थ रहता है, यह ग्रंथि दोष को दूर करता है। आसन करने से मन अप्रिय चिंता से दूर हो जाता है या शुभ और उच्च कोटि की साधना में काफी मददगार साबित होता है। नियमित आसन करने से शरीर में लचीलापन होता है।

योग करने से शरीर और मन का संतुलन बना रहता है। ध्यान के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि ध्यान करने से मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता है एवं जो डिप्रेशन के शिकार लोग हैं उनके लिए यह बहुत बड़ी चिकित्सा है।

इस अवसर संस्था के डॉ अशोक शर्मा, विकास दलवी, अरविन्द सुगंधी, शिवसिंह ठाकुर, अशोक वर्मा, रमाकांत व्यास, हरीश भाटिया आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *