नई पीढ़ी को प्रेरित करना होगा देशभक्ति की ओर-डॉ.उर्मि शर्मा

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सरल काव्यांजलि द्वारा आज़ाद,तिलक जयंती का आयोजन

जानकारी देते हुए संस्था सचिव डॉ.संजय नागर ने बताया कि विश्वबैंक कॉलोनी में आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ख्यात साहित्यकार ,शिक्षाविद डॉ पुष्पा चौरसिया ने ‘आजकल सब विपरीत चाल चल रहे हैं/साँप बांबी छोड़ आस्तीन में पल रहे हैं ,विशेष अतिथि नरेंद्र सिंह अकेला ने “मत पूछिए कि किस तरह लाचार मर गए/गम बेचने आए जो खरीदार मर गए।”सन्तोष सुपेकर ने “शहादत नही केवल बलिदान/यह तो मौत की सेज पर वीरता का नृत्यगान”रामचन्द्र धर्मदासानी ने “,बिगुल बज रहा आजादी का/गूंज रहा गगन नारों से/सम्भल के रहना ए वतन छुपे हुए गद्दारों से”माया मालवेंद्र बधेका ने शहीद परिवार की व्यथा “कब आए मेरे जीवन मे /कब आकर तुम चले गए” के. एन.शर्मा ‘अकेला’ ने -उनकी कड़वी जुबान में छाले क्यों नही होते /कुछ भी बोलते हैं इनके मुँह काले क्यों नही होते,अरुणेश्वरी गौतम ने “मेरी सामर्थ्य से तारा बनता रवि/चाहूं जिससे भी पैदा करूँ चाँदनी” विजयसिंह गहलोत “साकित उज्जैनी” ने “बरसों बरस रहेगी आन बान अपनी /शहादत ही बाइबिल गीता कुरान अपनी” विजय गोपी ने “जय तिरंगा जय तिरंगा झण्डा/पावन पुनीत जैसे माता गंगा”डॉ. देवेंद्र जोशी ने व्यंग्य कविता”आत्मा ने पूछा कैसे हो हिंदुस्तान में/दिल ने फरमाया जी रहे हैं कब्रिस्तान में” दिलीप जैन ने “सैनिक की मौत /वह इकलौता बेटा माँ का”
डॉक्टर मोहन बैरागी ने “तुम समय के सूर्य हो/और तन तिमिर सा भाग्य मेरा” डॉक्टर रफीक नागौरी ने “कैसे बताएँ कितना तिरंगे से प्यार है /दिल तो क्या जान भी इसपर निसार है” सुनाकर वातावरण को देशभक्ति की भावना से ओत प्रोत कर दिया।
इस अवसर पर संस्था के नए सदस्यों अरुणेश्वरी गौतम तथा माया मालवेंद्र बधेका , मध्यप्रदेश लेखक संघ से सम्मानित साहित्यकार डॉक्टर उर्मि शर्मा,डॉक्टर देवेंद्र जोशी तथा माया मालवेंद्र बधेका का स्वागत किया गया।कार्यक्रम से पहले साहित्यकारों ने उज्जैन -आगर -झालावाड़ रेल लाईन प्रारम्भ करने हेतु रेल मन्त्रीजी को पोस्टकार्ड लिखे ।
प्रारम्भ में सरस्वती वंदना नरेंद्र शर्मा’चमन” ने गाई ।नितिन पोल ने श्रीकृष्ण “सरल”जी की आज़ाद पर लिखी कविता “चंद्रशेखर आज़ाद -आत्म दर्शन” का पाठ किया,रामचंद्र धर्मदासानी ने तेलुगु में राष्ट्रगीत गाया।अतिथि स्वागत अर्पित शर्मा,मालवेंद्र बधेका ने किया ,संचालन सन्तोष सुपेकर व दिलीप जैन ने तथा अंत मे आभार नरेंद्र शर्मा ‘चमन ने माना।

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