जिसे राम नाम रूपी धन मिल गया, उसे सांसारिक धन की आवश्यकता नहीं होती- पं. शास्त्री

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– सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं… की सुमधुर प्रस्तुति पर झूम उठे श्रद्धालु

देवास। संसार से तो हमने बहुत प्रेम किया है, लेकिन भगवान से सच्चे भाव से कभी प्रेम नहीं किया। जिसने भगवान से प्रेम कर लिया, उसके घर भगवान अवश्य आते हैं। तुम अगर मुरली बन जाओ तो प्रभु तान बन जाते हैं। भगवान कहते हैं कि तू एक कदम बढ़ाकर तो देख मैं 10 कदम बढ़ा दूंगा। जैसे ही तुम्हारा भगवान के प्रति भाव बदलेगा, भगवान द्वार पर प्रकट हो जाएंगे।

यह विचार व्यासपीठ से पं. अजय शास्त्री ने चंदा शर्मा महिला मंडल द्वारा भवानी सागर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा जिसे राम नाम रूपी धन मिल जाता है, उसे सांसारिक धन की जरूरत नहीं पड़ती है। सांसारिक धन से कभी प्यास नहीं बुझती। धन के चक्कर में मत पड़ो, कब निधन हो जाएगा पता नहीं चलेगा। राम रतन धन जिसने पा लिया तो सारे धन व्यर्थ है।

उन्होंने आगे कहा, कि आप अपने आपे में रहो, जैसे भगवान रखें वैसे रहो। दूसरों के चक्कर में देखा-देखी मत करो। मनुष्य की बर्बादी का कारण ही देखा-देखी है। जो हमारे पास है हम उसी में खुश रहे, तो कभी बर्बादी नहीं होगी।

कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा-अर्चना कर महाआरती की गई। जैसे ही भगवान श्री कृष्ण को बाल रूप में कथा पंडाल में लाया गया, भक्तों ने पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान पं. शास्त्री ने सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं… की सुमधुर संगीतमय प्रस्तुति से दी तो श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमने लगे। आयोजक महिला मंडल द्वारा व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की गई। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।

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