देवास। अमलतास अस्पताल के डॉक्टर्स ने एक दिन के नवजात शिशु का संपूर्ण रक्त बदलकर (एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन) शिशु को नया जीवन दिया। आमतौर पर यह प्रकिया आसपास के क्षेत्र में संभव नहीं है। बड़े शहरों के अस्पतालों या मेडिकल कॉलेजों में निर्भर रहना पड़ता है, जिसमे 70 से 80 हजार रुपए का खर्च आता है, इसमें मरीज की मृत्यु की भी आशंका बनी रहती है।
अमलतास अस्पताल के डॉक्टर्स के मुताबिक जन्म के दूसरे दिन ही शिशु में पीलिया के लक्षण आने लगे। पीलिया का स्तर पहले 24 घंटे में 24 था, रिपोर्ट देखकर डॉक्टर चौंक गए। माता-पिता को अनहोनी की आशंका सताने लगी। मां-बच्चे दोनों का ब्लड ग्रुप अलग-अलग था। मां का ब्लड ग्रुप नेगेटिव और शिशु का पॉजिटिव था, जिससे शिशु में खून की कोशिकाएं नष्ट होने से गंभीर पीलिया व खून की कमी होने लगी। अस्पताल की टीम ने शिशु की जान बचाने के लिए एक्सचेंज ट्रांसफुसन (संपूर्ण रक्त बदलाव) का निर्णय लिया एवं शिशु का पूरा खून बदला गया। खून बदलते ही पीलिया का स्तर सामान्य हुआ। इस प्रकिया में चार घंटे लगे। अब शिशु पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
अमलतास के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शाहबाज खान ने बताया, कि शिशु की स्थिति देखकर रात के समय इस प्रकिया को करने का निर्णय लिया गया। देरी करने पर पीलिया का स्तर दिमाग तक जा सकता था। शिशु के माता-पिता ने डॉ. रावलीन कौर सबरवाल, डॉ. अनुष्का जाट एवं समस्त एनआईसीयू स्टाफ काे धन्यवाद दिया एवं इस खर्चीली बीमारी का आयुष्मान योजनांतर्गत निशुल्क इलाज के लिए शासन का आभार प्रकट किया। अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने सभी चिकित्सक एवं स्टाफ को शुभकामनाएं दी एवं बच्ची के उज्जवल भविष्य की कामना की।
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