भारत मां की रक्षा करूं या मांग में तेरी सिंदूर भरूं- पं. देवकृष्ण व्यास

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टोंकखुर्द (नन्नू पटेल)। ग्राम जमोड़ी के निर्मलसिंह ठाकुर के भारतीय थल सेना में चयन होने पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जिला इकाई देवास द्वारा जमोड़ी में कला सम्मेलन का आयोजन रखा गया। आयोजन में राष्ट्रीय कवि पं. देवकृष्ण व्यास, पंकज जोशी देवास, हुकुमसिंह गुर्जर ग्राम बंजारी, महेंद्र राठौर मन पीपलरावां, राकेशसिंह कुशवाह गंधर्वपुरी एवं राजभंवरसिंह सैंधव जमोड़ी ने काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना राजभंवरसिंह सैंधव ने की। राकेशसिंह कुशवाह ने ओज रस की कविताएं पढ़कर श्रोताओं में‌ ओज रस का संचार किया। द्वितीय क्रम में छोटी काशी पीपलरावां के कवि महेंद्र राठौर ने अबकी बार चार सौ पार वाली कविता पढ़कर देश के हालातों से परिचय करवाया। हास्य व्यंग्य कविताओं के बेताज बादशाह पंकज जोशी ने श्रोताओं को बहुत देर तक खूब गुदगुदाया।

सुरों के सम्राट हुकमसिंह गुर्जर ने अपनी मीठी पैरोड़ियों तथा चुटिले अंदाज में श्रोताओं को देर तक बांधे रखा। राजभंवरसिंह सैंधव ने अपने अपने चिर-परिचित अंदाज में वीर रस की कविताओं से श्रोताओं को सराबोर कर दिया।

कवि सम्मेलन का शिखर कलश राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त देश‌ के ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय कवि देवकृष्ण व्यास ने चढ़ाया। सैनिकों के जीवन और मातृभूमि को समर्पित कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और चारों तरफ से भारत माता की जय एवं वंदेमातरम गूंजने लगे।

व्यासजी की रचनाओं “भारत माता की रक्षा करूं या तेरी मांग में सिंदूर भरूं ?” और “आरती भारत माता की, जगत के भाग्य विधाता की” सुनकर जय-जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारों से आसमान गूंज उठा। आभार भजन गायक यशवंतसिंह ठाकुर ने माना। जानकारी विजेंद्रसिंह ठाकुर ने दी।

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