– ग्रीष्म ऋतु में पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए किया प्रेरित
देवास। ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ मतलब मौसम में शुष्कता के साथ-साथ शारीरिक शिथिलता का आगमन होना। यह शिथिलता शरीर में पानी की कमी की द्योतक है। मानव जाति इसकी पूर्ति आसानी से कर सकती है, परंतु बेजुबान, निरीह पशु-पक्षी अपनी प्यास को कैसे शांत करें। इसके लिए मानव को जागृत होकर इस भीषण गर्मी में प्यास से तड़पते पक्षियों के लिए कुछ मानवीय प्रयास करने होंगे। सबसे सरल उपाय है मिट्टी के सकोरों में पानी भरकर प्यासे पखेरुओं को जीवनदान दें।
यह बात मक्सी रोड तुलजा विहार कॉलोनी स्थित सतपुड़ा एकेडमी में आयोजित सकोरे वितरण कार्यक्रम में संस्था संचालक भानूप्रतापसिंह सेंधव ने कही। शिक्षिका प्राची वडनेरकर ने भी बच्चों को पर्यावरण संरक्षण एवं पशु-पक्षियों के महत्व के विषय में विद्यार्थियों को समझाया।
शनिवार को विद्यालय में प्यासे पक्षियों के लिए सकोरों का वितरण किया गया। साथ ही निवेदन किया, कि गर्मी के समय में पक्षियों के लिए अपने-अपने घरों की बालकनियों, छतों, बगीचों, आंगन में मिट्टी के सकोरों में पानी भरकर रखें।
इस अवसर पर विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षक-शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहे।
सभी से यह अपेक्षा की गई कि घरों की बालकनी, छतों, गार्डन आदि में सकोरा लगाकर पक्षियों के पानी की व्यवस्था करेंगे और इस हेतु अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम का संचालन मुकेश पांडे ने किया। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी दिनेश सांखला ने दी।
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