- रामनवमी पर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ दीक्षा, यज्ञोपवित व अन्य संस्कार हुए
देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 9 से 17 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर सामूहिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया।
गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया, कि 17 अप्रैल रामनवमी पर सुबह 9 बजे से श्रीवेदमाता गायत्री, गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, माता भगवती देवी शर्मा व देवपूजन कर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत हुई, जिसमें दीक्षा, यज्ञोपवित सहित विभिन्न संस्कार हुए। 11.30 बजे अनुष्ठान व गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। भगवान श्रीरामजी का जन्मोत्सव मनाकर महाप्रसाद का वितरण किया गया।
इस अवसर पर युवा प्रकोष्ठ समन्वयक प्रमोद निहाले ने भगवान श्रीराम के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए मातृ शक्ति अखंड दीप जन्म शताब्दी यात्राओं के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर भारतसिंह बनाफर, सुभाष जैन, शिवनारायण सोलंकी, कैलाशसिंह ठाकुर, विक्रमसिंह राजपूत, गणेशचंद्र व्यास, विजय जाधव, भगवतसिंह कुशवाह एवं गायत्री परिजन उपस्थित थे। उपस्थित परिजनों ने महाप्रसाद (भंडारे) का लाभ लिया। महायज्ञ का संचालन गायत्री शक्तिपीठ की देवकन्याओं ने किया एवं संस्कारों का संंचालन रामनिवास कुशवाह ने किया। आभार गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंड्या ने माना।
इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर के 17वें प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं सामूहिक अनुष्ठानों की पूर्णाहूति संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में रामनवमी को प्रात: 8.30 बजे से पंचकुंडीय महायज्ञ के साथ दीक्षा, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार हुए। महायज्ञ पूर्णाहूति के पश्चात भगवान श्रीरामचंद्रजी का जन्मोत्सव मनाया गया। पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया। कर्मकांड का संचालन ज्ञानदेव बोडखे व प्रखर पोरवाल ने किया। इस अवसर पर शान्तिकुंज हरिद्वार के संगीत टोली प्रमुख गोविंद पाटीदार (काका साब) सपत्नीक उपस्थित थे। उन्होंने एक भजन भी सुनाया तथा उपस्थित सभी परिजनों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में रमेशचंद्र मोदी, ओपी श्रीवास्तव, ब्रजमोहन विजयवर्गीय, विजेद्रसिंह बैस, शेषनारायण परमार, अयोध्या दुबे, आरसी पालीवाल, नीति श्रीवास्तव, स्नेहलता पोरवाल, सुशीला परमार का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने महायज्ञ व प्रसादी का लाभ लिया। आभार गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेंद्र पोरवाल ने माना।
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