देवास। बारह ज्योतिर्लिंग हमारे यहां विद्यमान है, जिनके स्मरण मात्र से जीवों के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। जो कोई भगवान द्वादश ज्योतिर्लिंग की संपूर्ण कथाओं को श्रवण करें, उसके अन्य जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। अपने जीवनकाल में हम सभी को श्रद्धा और भाव से 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा कर अपने 84 लाख योनियों में जाने-अनजाने में हुए पापों के नष्ट करने का प्रयास करना चाहिए।
यह विचार गंगा पार्क कॉलोनी के पास तोड़ी में आयोजित शिव महापुराण कथा के विश्रांति अवसर पर व्यासपीठ से पुष्पानंदन महाराज कांटाफोड़ वाले ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं, जो अपने अंतःकरण में देवी शक्तियों को समाहित करके रखते हैं। भगवान शिव की दृष्टि में कभी भेद नहीं होता, इसलिए भगवान महादेव की आरती में भी एक नहीं समस्त देवताओं का स्थान स्थापित किया गया। जैसे आरती में हम गाते हैं, अक्ष माला, वन माला, मुंड माला धारी, अक्षमाला धारी ब्रह्माजी है, वन मालाधारी भगवान नारायण है और मुंडमाला धारी भगवान महेश शिव हैं। एक ही ऐसे देवता हैं, जिनकी आरती में हमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश के दर्शन प्राप्त होते हैं।
पुष्पानंदन महाराज ने 12 ज्योतिर्लिंगों की कथाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए आगे कहा, कि हर ज्योतिर्लिंग मानव जीवन की विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान करता है। उन्होंने व्यासपीठ मंच से सभी को गुड़ी पड़वा नववर्ष की शुभकामना दी और कहा, कि सभी मां की आराधना करते हुए अपने जीवन की शुरुआत नव वर्ष के रूप में करें। आयोजक मंडल व धर्म प्रेमियों ने ब्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया। कथा के पश्चात भंडारा किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।
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