– महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि के लिए की प्रार्थना
बेहरी(हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र में गुरुवार को दशा माता का पूजन किया गया। महिलाओं ने व्रत रखा और घर की खुशहाली के लिए दशा माता से प्रार्थना की। महिलाओं ने दशा माता की कथा श्रवण की। पीपल के वृक्ष पर सूत का धागा लपेटा। पूजन का यह क्रम शाम तक चलता रहा।
उल्लेखनीय है, कि नल और दमयंती के त्याग का प्रतीक यह पर्व होली के 10 दिन बाद मनाया जाता है। होली के बाद से ही प्रतिदिन महिलाएं दशा माता के स्थान पर जाकर पूजा-अर्चना कर राजा नल-दमयंती की कहानी सुनती हैं। इस दौरान कई परिवारों में सुहागिन महिलाएं 10 दिनों तक व्रत-उपवास भी रखती हैं। गुरुवार को 10 दिन पूरे होने पर परंपरानुसार दशा माता का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने पीपल के वृक्ष का पूजन किया। पूजा करते हुए कच्चे सूत से बनी 10 तार की माला को गले में धारण किया। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में पीपल के वृक्ष है। सभी जगह दशा माता का पूजन महिलाओं ने किया। माना जाता है कि पीपल में सभी देवताओं का वास होता है। इसकी पूजा करने से मन को शांति मिलती है।
पुजारन निर्मला उपाध्याय, पद्मा उपाध्याय, अंतिमा उपाध्याय, श्याम बैरागी, अनसूया बैरागी, गीताबाई, जसोदाबाई, रानी, दुर्गा, सौरभबाई, गंगाबाई ने बताया कि व्रत रखकर दशा माता से सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। पीपल की पूजा के साथ ही घर में विराजित देवी की पूजा भी की गई। दशा माता का पूजन व उपवास करने से घर की दशा में सुधार होता है।
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