पंचकोसी यात्रा का अमावस्या पर हुआ समापन

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– यात्रियों का जगह-जगह पुष्पवर्षा व स्वल्पहार से स्वागत किया
– सवा पाव से सवा क्विंटल तक का भोग अर्पण कर प्रसादी का वितरण किया
नेमावर (संतोष शर्मा)। फाल्गुन कृष्ण एकादशी तिथि 6 मार्च से प्रारंभ सिद्धनाथ, रिद्धनाथ, नाभि तीर्थराज नर्मदा की 111 किमी की पांच पड़ावों वाली 5 दिवसीय पद यात्रा का अमावस्या पर्व पर समापन हुआ। हजारों भक्तों ने इस नर्मदा की पूर्ण फल प्राप्ति वाली इस पांच कोशी पद यात्रा में शामिल होकर अपने जीवन को कृतार्थ किया।

यात्रा 6 मार्च को नेमावर से सिद्धनाथ व मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर आरंभ की गई थी। प्रथम पड़ाव स्थल बिजलगांव, द्वितीय पड़ाव हंडिया, तृतीय पड़ाव उच्छेश्रवा ऋषि की तपोस्थल उच्छानघाट जिला हरदा में कर देवास जिले के कृष्णा घाट से नर्मदा पार कर राजोर, दावथा, सवासदा, लावरास होते संदलपुर में संत सिंगाजी बाबा की चरण पादुका के दर्शन कर रात्रि विश्राम किया। रविवार अल सुबह पंचकोसी यात्रियों ने हर-हर नर्मदे हर के जयकारे के साथ ग्राम कना होते दुलबा, गुराडिया होते हुए धर्म नगरी नाभि तीर्थ नेमावर में प्रवेश किया। यात्रियों का जगह-जगह स्वल्पहार, खिचड़ी प्रसादी, भोजन प्रसादी कराकर भक्तों ने पुण्य लाभ लिया।

नर्मदा तट पहुंचे यात्रियों ने मां का चरण वंदन कर पुनीत स्नान लाभ लिया। इसके उपरांत श्रद्धानुसार सवा पाव से सवा क्विंटल तक का भोग अर्पण कर प्रसादी का वितरण किया। भगवान सिद्धनाथ, पिंगलेश्वर, ऋण मुक्तेश्वर व गणपति बाबा के दर्शन, पूजन-अर्चन कर जलाभिषेक किया। इस अवसर पर नगर के बालमुकुंद आश्रम पर मगरिया ग्राम के नर्मदा भक्तों ने प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी भंडारा किया, जहां पदयात्रा में शामिल हजारों भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा के सानिध्य में भी प्रति अमावस्या पर्व पर दिया जाने वाला भंडारा भी हुआ। यहां भी बड़ी संख्या में भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया। स्थानीय नगर परिषद प्रशासन, पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने इस पंचकोसी यात्रा में शामिल सभी भक्तों के लिए सराहनीय सेवा दी। यात्रा में शामिल भक्तों ने सभी विभागों का आभार माना।

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